सुप्रीम कोर्ट ने गुरुवार को रिपब्लिक मीडिया ग्रुप को मुंबई पुलिस द्वारा दर्ज टेलीविजन रेटिंग पॉइंट्स (टीआरपी) घोटाला मामले में बॉम्बे हाईकोर्ट का रुख करने को कहा। न्यायमूर्ति डी वाई चंद्रचूड़, इंदु मल्होत्रा और इंदिरा बनर्जी की एक पीठ ने कहा कि हाईकोर्ट पूरी कोरोना महामारी में काम कर रहा है और मीडिया समूह को उससे संपर्क करना चाहिए क्योंकि उसका कार्यालय वर्ली में स्थित है।
मीडिया हाउस की ओर से पेश वरिष्ठ अधिवक्ता हरीश साल्वे ने घोटाले की जांच के बारे में आशंका व्यक्त करते हुए कहा कि वहां एक प्रवृत्ति है कि कमिश्नर द्वारा लगातार साक्षात्कार दिया जा रहा है। बता दें कि मुंबई पुलिस ने टीआरपी घोटाले में एक मामला दर्ज किया है और रिपब्लिक टीवी के मुख्य वित्तीय अधिकारी एस सुंदरम को जांच के लिए बुलाया है।
टेलीविजन रेटिंग प्वाइंट यानी टीआरपी एक ऐसा उपकरण है जिसके द्वारा यह पता लगाया जाता है कि कौन सा प्रोग्राम या टीवी चैनल सबसे ज्यादा देखा जा रहा है। साथ ही इसके कारण किसी भी प्रोग्राम या चैनल की पॉपुलैरिटी को समझने में मदद मिलती है, यानी कि लोग किसी चैनल या प्रोग्राम को कितनी बार और कितने समय के लिए देख रहे हैं। प्रोग्राम की टीआरपी सबसे ज्यादा होना मतलब सबसे ज्यादा दर्शक उस प्रोग्राम को देख रहे हैं।
TRP घोटाले के सामने आने के बाद टेलीविजन रेटिंग मापने वाली संस्था बार्क ने अगले 12 हफ्तों (तीन महीने) के लिए टीआरपी मापने पर रोक लगा दी है। कंपनी की तरफ से यह निर्णय मुंबई पुलिस द्वारा टीआरपी घोटाले के भंडाफोड़ करने के बाद लिया गया है। न्यूज ब्रॉडकास्टिंग एसोसिएशन (एनबीए) ने बार्क के इस फैसले का स्वागत किया है।
गौरतलब है कि मुंबई पुलिस कमिश्नर परमबीर सिंह ने एक संवाददाता सम्मेलन कर बताया था कि टीआरपी में कुछ चैनलों द्वारा घोटाला किया जा रहा है। कुछ चैनल कोशिश कर रहे थे कि वो किसी तरह से टीआरपी को अपनी तरफ खींच लें।
बार्क ‘ब्रॉडकॉस्ट ऑडियंस रिसर्च काउंसिल’ टेलीविजन रेटिंग बताने वाली एक एजेंसी है। यह दुनिया का सबसे बड़ा टेलीविजन मेजरमेंट निकाय है। बार्क इंडिया साल 2010 में शुरू हुआ था और इसका मुख्यालय मुंबई में ही है।