सुप्रीम कोर्ट ने केरल चर्च स्कैंडल मामले में दो पादरियों को गिरफ्तारी

पहले बस्तर के अंदरूनी गांवों में राष्ट्रीय पर्व पर तिरंगे की बजाय नक्सलियों का काला झंडा फहरता था, लेकिन दो-तीन सालों में यहां की फिजा बदली है। माओवादी विचारधारा पर ग्रामीणों के हौसले भारी पड़ रहे हैं। ऐसे गांवों की संख्या तेजी से बढ़ रही है, जहां अब काला झंडा नहीं, तिरंगा फहराया जाता है। बस्तर संभाग के उन सैकड़ों गांवों में, जहां पहले नक्सलियों की तूती बोलती थी, अब बदलाव नजर आ रहा है। बीजापुर, दंतेवाड़ा, सुकमा, बस्तर, कोंडागांव, नारायणपुर व कांकेर जिले के गांवों में ग्रामीण अब नक्सलियों के फरमान को धता बता राष्ट्रीय पर्व पर तिरंगा फहराने लगे हैं।

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