अलेप्पो के स्वास्थ्य विभाग के प्रमुख जियाद हज के मुताबिक, शुरुआती जांच में आम लोगों पर क्लोरीन इस्तेमाल की बात सामने आई है। विद्रोहियों ने इस्तेमाल किए गए हथियारों में क्लोरीन गैस मिलाकर हमला किया। यहां तक की मिसाइलों में भी गैस प्रयोग होने की बात सामने आई है। हालांकि, अभी मरीजों पर और टेस्ट किए जाने बाकी हैं। इसके बाद ही साफ होगा कि हमलावरों ने किस हद तक अपने पास केमिकल जुटा लिया है।

सीरिया के अलेप्पो में शनिवार को विद्रोहियों ने आम नागरिकों पर क्लोरीन गैस बम से हमला कर दिया। इसमें 9 लोगों की मौत हो गई। करीब 73 लोगों का स्थानीय अस्पतालों में इलाज चल रहा है। सीरियाई मीडिया के मुताबिक, क्लोरीन गैस की चपेट में आने से अलेप्पो में लोगों को सांस लेने में भी दिक्कत का सामना करना पड़ रहा है।
सीरियाई सेना के एक अधिकारी के मुताबिक, सैनिकों ने विद्रोहियों के इस हमले का मुंहतोड़ जवाब दिया और जिन जगहों से बम फेंके जा रहे थे, उन ठिकानों को तबाह कर दिया गया। बताया गया है कि सेना की कार्रवाई में विद्रोहियों को भारी नुकसान हुआ है। अलेप्पो को सीरियाई सेना ने 2016 में विद्रोहियों और आतंकियों से आजाद करा लिया था। हालांकि, इसके बावजूद अलेप्पो की बाहरी सीमा से कुछ विद्रोही समय-समय पर छोटे हमलों को अंजाम देते रहते थे।
रूस ने दी थी केमिकल हमले की चेतावनी
सीरिया में अलग-अलग संगठनों के बीच सुलह की कोशिश में जुटे रूसी संस्थान ‘सेंटर फॉर सीरियन रिकॉन्सिलेशन’ ने कुछ ही दिन पहले आशंका जताई थी कि विद्रोही केमिकल एजेंट्स के जरिए किसी भी शहर को निशाना बना सकते हैं। दरअसल, रूसी रक्षा विभाग ने एक खुफिया रिपोर्ट जारी की थी जिसमें कहा गया था कि विद्रोही करीब 20 कंटेनर जहरीली क्लोरीन पर कब्जा कर चुके हैं।
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