सीएए समर्थन में डिप्टी कलेक्टर के साथ वारदात को लेकर दो लोगों के खिलाफ एफआईआर दर्ज

नागरिकता संशोधन कानून के समर्थन में मध्यप्रदेश के राजगढ़ जिले के ब्यावरा में रैली निकाल रहे भाजपा कार्यकर्ताओं की कलेक्टर निधि निवेदिता से झड़प के बाद राज्य में राजनीति चरम पर है। डिप्टी कलेक्टर प्रिया वर्मा का बाल खींचने और मारने के आरोप में दो लोगों के खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई है।  इसमें से एक आरोपी को पुलिस ने गिरफ्तार भी कर लिया है। एक तरफ जहां पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कलेक्टर निधि निवेदिता पर निशाना साधा वहीं, पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह ने उनके कार्य की सराहना की।

पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कई ट्वीट कर कमलनाथ सरकार पर निशाना साधा। उन्होंने ट्वीट किया, प्रदेश में शासन-प्रशासन द्वारा कांग्रेस सरकार की चाटुकारिता के नये आयाम गढ़े जा रहे हैं! सरकार के तुगलकी फरमानों पर अमल में कौन रेस में पहले आता है, इसकी होड़ लगी है! कुछ अधिकारी भूल गए हैं कि वे किसी पार्टी के हुक्म बजाने के लिए नहीं बल्कि जनता की सेवा हेतु पद पर हैं।

शिवराज सिंह ने आगे लिखा, आज का दिन लोकतंत्र के सबसे काले दिनों में गिना जायेगा। आज राजगढ़ में डिप्टी कलेक्टर साहिबा ने जिस बेशर्मी से सीएए के समर्थन में प्रदर्शन कर रहे कार्यकर्ताओं को लताड़ा, घसीटा और चांटे मारे, उसकी निंदा मैं शब्दों में नहीं कर सकता। क्या उन्हें प्रदर्शनकारियों को पीटने का आदेश मिला था?

कलेक्टर मैडम, आप यह बताइए कि कानून की कौन सी किताब आपने पढ़ी है जिसमें शांतिपूर्ण प्रदर्शन कर रहे नागरिकों को पीटने और घसीटने का अधिकार आपको मिला है? सरकार कान खोलकर सुने ले, मैं किसी भी कीमत पर मेरे प्रदेशवासियों के साथ इस प्रकार की हिटलरशाही बर्दाश्त नहीं करूंगा!

अधिकारी यह न भूलें कि सरकारें पर्मानेंट नहीं होती हैं, वो बदलती हैं: शिवराज
शासन-प्रशासन के अधिकारी-कर्मचारी गलती से भी यह न भूलें कि सरकारें पर्मानेंट नहीं होती हैं, वो बदलती हैं! बुराई का अंत और अच्छाई की विजय निश्चित है, इसलिए नागरिकों की सेवा की जिम्मेदारी, जो आपको मिली है, उसे निभाने में अपनी ऊर्जा, जज्बा, जुनून और मेहनत लगाएं।

राजगढ़ में मेरे निर्दोष नागरिक और कार्यकर्ता भारत की संसद द्वारा बनाए गए कानून के समर्थन में प्रदर्शन कर रहे थे, क्या यह अपराध है? कलेक्टर साहिबा, कांग्रेस सरकार पर तो जनता का विश्वास कभी था ही नहीं, क्या आप चाहती हैं कि लोग शासन-प्रशासन पर भी भरोसा करना छोड़ दें?

लोकतंत्र का उपहास है राजगढ़ की घटना: शिवराज
क्या कलेक्टरी का इतना ज्यादा नशा छा गया कि आप गली के गुंडे-बदमाशों की तरह नागरिकों को पीटने लगीं? असभ्यता और अनैतिकता की सारी हदें पार की जा चुकी हैं। लोकतंत्र का उपहास है राजगढ़ की घटना! कांग्रेस सरकार प्रदेश के नागरिकों को दबाने और कुचलने में अब अधिकारियों का सहारा ले रही है!

मध्यप्रदेश में ऐसे अधिकारी, जो चाटुकारिता के नशे में अपनी सीमाएं लांघ रहे हैं, उन पर कड़ी से कड़ी कार्रवाई की जानी चाहिए। कांग्रेस सरकार के साथ-साथ अब शासन-प्रशासन की मानसिकता भी हिंसक हो गई है जिसका अहिंसक विरोध हम प्रदेशवासियों के साथ करेंगे! हिंसक मानसिकता का अहिंसक विरोध!

वहीं पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह ने कलेक्टर निधि निवेदिता के कार्य की सराहना करते हुए ट्वीट किया कि मध्यप्रदेश के राजगढ़ में भाजपा की गुण्डा गर्दी सामने आ गयी। महिला जिला कलेक्टर और महिला एसडीएम अधिकारीयों को पीटा गया बाल खींचे गये। महिला अधिकारीयों की बहादुरी पर हमें गर्व है।

क्या था पूरा मामला
नागरिकता संशोधन कानून के समर्थन में मध्यप्रदेश के राजगढ़ जिले के ब्यावरा में रैली निकाल रहे भाजपा कार्यकर्ताओं की कलेक्टर निधि निवेदिता से झड़प हो गई। कलेक्टर ने प्रदर्शनकारियों  से ब्यावरा के कुछ इलाकों में धारा 144 लागू होने का हवाला दिया गया। जिससे आक्रोशित भाजपा कार्यकर्ता नारेबाजी करने लगे।

इससे नाराज कलेक्टर निधि निवेदिता ने भाजपा जिला मीडिया प्रभारी रवि बड़ोने को थप्पड़ मार दिया। इसके बाद भी जब भीड़ ने नारेबाजी कम नहीं की तब उन्होंने एक पुलिसकर्मी का डंडा लेकर भीड़ को धक्का मारने लगीं। कलेक्टर ने रैली की अगुवाई करते हुए तिरंगा लेकर चल रहे राजगढ़ के पूर्व विधायक अमरसिंह यादव के साथ भी धक्कामुक्की की।

कलेक्टर को एक्शन में देखकर डिप्टी कलेक्टर प्रिया वर्मा ने भी भीड़ से लोगों को पकड़कर पुलिस को सौंपने लगीं। तभी उनके साथ भीड़ ने अभद्रता कर दी। जिसके बाद स्थिति को नियंत्रित करने के लिए पुलिस ने लाठीचार्ज कर दिया। इस कार्रवाई में कई भाजपा कार्यकर्ता घायल हो गए।

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