सीएए के खिलाफ हुए प्रदर्शन को अंग्रेजों की तरह हिंसक तरीके से दबाया जा रहा: यशवंत सिन्हा

जीएसटी नोटबंदी ने अर्थव्यवस्था को दिवालिया कर दिया है। राज्य और केंद्र सरकार अब कर्जा ले रही हैं। यह बात मंगलवार को कानपुर में पूर्व वित्त मंत्री यशवंत सिन्हा ने कही। शांति यात्रा लेकर फूलबाग पहुंचे यशवंत सिन्हा बोले कि शांतिपूर्ण सीएए और एनआरसी के खिलाफ हुए प्रदर्शन को अंग्रेजों की तरह हिंसक तरीके से दबाया जा रहा है।

मोदी सरकार की वित्त मंत्री को फैसले लेने की आजादी नहीं है यहां तक कि बैठकों में उन्हें बुलाया भी नहीं जाता है। झूठ और हिंसा पर सरकारें नहीं चलती। विरोध को दबाने के बजाए सरकार बातचीत का तरीका अपनाए। अटल की भाजपा में और मौजूदा भाजपा में दिन रात का अंतर है।

इससे पहले मुंबई गेटवे ऑफ इंडिया से शुरू हुई गांधी शांति यात्रा सोमवार को शहर पहुंच गई। पूर्व केंद्रीय मंत्री यशवंत सिन्हा की अगुवाई में शहर पहुंची यात्रा का सपाइयों ने स्वागत किया।

इस मौके पर सिन्हा ने सपा नेताओं से बात की और कहा कि गांधीजी की हत्या हो गई लेकिन उनके सिद्धांतों की हत्या नहीं होने देंगे। मंगलवार सुबह 10 बजे फूलबाग स्थित गांधी प्रतिमा पर प्रार्थना सभा का आयोजन किया जाएगा। इसके पहले गांधी शांति विचार केंद्र के पदाधिकारियों के साथ वह बैठक करेंगे। यात्रा यहां से औरैया जाएगी।

जाजमऊ स्थित गंगापुल पर सपाइयों ने फूलमालाओं से यात्रा में आए लोगों का स्वागत किया। इस मौके पर महानगर अध्यक्ष अब्दुल मोईन खां, सपा विधायक अमिताभ वाजपेयी, हाजी मोहम्मद हसन रूमी, फजल महमूद , चंद्रेश सिंह ने पूर्व केंद्रीय मंत्री का स्वागत किया।

सपा कार्यकर्ताओं ने अखिलेश यादव और यशवंत सिन्हा जिंदाबाद के नारे लगाए। बताया गया कि इस यात्रा का मकसद देश भर में घूम-घूम कर एनआरसी और सीएए के विरोध में लोगों को जागरूक करना है।

गेटवे ऑफ इंडिया से शुरू हुई गांधी शांति यात्रा राजस्थान, उत्तर प्रदेश, हरियाणा होते हुए 30 जनवरी 2020 को राजघाट पहुंचेगी, जहां उसका समापन होगा। 30 जनवरी को महात्मा गांधी की पुण्यतिथि है। गांधी शांति यात्रा कुल 3000 किलोमीटर का लंबा रास्ता तय करेगी।

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