भारत में जन्मीं 23 वर्षीय डॉक्टर भाषा मुखर्जी ने गुरुवार रात को Miss England (मिस इंग्लैंड) का खिताब जीता तो ये भारत के लिए एक अहम पल था। डर्बी की रहने वाली भारतीय मूल की भाषा मुखर्जी ने प्रतियोगिता में शामिल दर्जनों प्रतियोगियों को पछाड़कर ताज अपने नाम किया है। अब वह मिस वर्ल्ड प्रतियोगिता में इंग्लैंड का प्रतिनिधित्व करेंगी। इस प्रतियोगिता को जीतने में उनका ऊंचा आईक्यू स्तर (IQ Level) काफी मददगार साबित हुआ।
मिस इंग्लैंड का खिताब जीतने वाली इस जीनियस सुंदरी भाषा मुखर्जी के पास मेडिकल में दो स्नातक डिग्री हैं। उन्होंने नॉटिंघम विश्वविद्यालय से मेडिसिन और सर्जरी में स्नातक किया है। इसके अलावा वह पांच भाषाएं, हिन्दी, अंग्रेजी, बांग्ला, जर्मन और फ्रेंच बोल सकती हैं। उन्होंने गुरुवार रात उत्तरी-पूर्वी इंग्लैंड के न्यूकासल अपॉन टाइन में मिस वर्ल्ड प्रतियोगिता जीती है। इसके कुछ घंटे बाद शुक्रवार को ही उन्होंने लिंकनशायर, बॉस्टन के पिलग्रिम अस्पताल में डॉक्टर की नौकरी शुरू की, जो पहले से ही तय था।
146 है भाषा मुखर्जी का IQ स्कोर
भारत में जन्मीं भाषा मुखर्जी नौ साल की उम्र में माता-पिता के साथ इंग्लैंड पहुंच गईं थीं। इस प्रतियोगिता में भारतीय मूल की ब्रिटिश डॉक्टर भाषा मुखर्जी ने अपने जवाब और जानकारियों से प्रतियोगियों को पछाड़ दिया। ऐसा इसलिए हो सका क्योंकि उनका आईक्यू स्तर 146 है।
मशहूर वैज्ञानिक अल्बर्ट आइंस्टाइन और स्टीफन हॉकिंग का आईक्यू स्तर मिस इंग्लैंड भाषा मुखर्जी से मात्र 14 अंक ज्यादा था। इन दोनों वैज्ञानिकों का आईक्यू स्तर 160 था। 145-160 के बीच आईक्यू स्तर को भगवान का अनमोल तोहफा माना जाता है। दुनिया में मात्र दो फीसद लोगों का आईक्यू स्तर इतना ज्यादा होता है।
बुद्धू नहीं होती सौंदर्य प्रतियोगिता जीतने वाली लड़कियां
मिस इंग्लैंड के अंतिम राउंट से पहले प्रतियोगिता में हुए एक साक्षात्कार में भाषा मुखर्जी ने कहा था, ‘कई लोग सोचते हैं कि सौंदर्य प्रतियोगिताएं जीतने वाली लड़कियां बुद्धू होती हैं। लेकिन हम सब किसी ना किसी मकसद से ही यहां हैं। मेडिकल की पढ़ाई के बीच मैंने इस तरह की प्रतियोगिता में हिस्सा लेने के बारे में सोचा। इसके लिए मुझे खुद को बहुत समझाना भी पड़ा था।’
स्कूल के दिनों को याद करते हुए उन्होंने कहा कि वह सीखने के लिए हमेशा उत्साहित रहती थीं इसलिए अपने शिक्षकों की चहेती थीं। क्लास में सबसे होशियार होने के लिए उन्हें आइंस्टीन अवार्ड भी मिला था। वह एक सामाजिक संस्था भी चलाती हैं। 2017 में उन्होंने जेनेरेशन ब्रिज प्रोजेक्ट शुरू किया था जो अकेलेपन से जूझ रहे बुजुर्गो की मदद करता है।
सोचने-समझने और जानकारी के स्तर को बताता है IQ स्कोर
IQ जर्मन भाषा के शब्त Intelligenz-Quotient का शॉर्ट फॉर्म है। जर्मनी के साइक्लॉजिस्ट स्टर्न ने 1912 में पहली बार इसका प्रयोग किया था। IQ स्कोर आपके सोचने-समझने की क्षमता और जानकारी के स्तर को बताता है। हमारा दिमाग किसी काम को कितने अच्छे से तरीके से करता है,
हम किसी समस्या का समाधान कितनी जल्दी और बेहतर तलाश सकते हैं, किसी सवाल का जवाब हम कितनी जल्दी और सटीक दे सकता है, ये सब IQ स्कोर या स्तर से तय होता है। जो व्यक्ति किसी सवाल का हल निकालने, नए विचार देने या कुछ नया सीखने में जितना तेज होता है, उसका आईक्यू स्तर उनता ज्यादा होता है। आमतौर पर आईक्यू स्तर पैदाइशी होता है। तमाम दिमागी एक्सरसाइज और पैक्टिस से आईक्यू स्तर बढ़ाया जा सकता है।
कितना जरूरी है आईक्यू
अच्छा आईक्यू स्तर आम जीवन को बेहतर बनाने में मददगार होता है। अच्छे आईक्यू स्तर वाला व्यक्ति अपनी मुसीबतों और चुनौतियों से बेहतर तरीके से निपटने में सक्षम होता है। इसके अलावा तमाम प्रतियोगी परीक्षाओं में भी आईक्यू स्तर जांचा जाता है। जैसे की सैन्य अधिकारी के लिए आयोजित होने वाली एनडीए व सीडीएस जैसी प्रतियोगी परीक्षाएं।
सिविल सर्विसेज और इंटेलिजेंस सर्विसेज आदि में भी बेहतर आईक्यू स्तर वाले प्रतिभागियों को वरीयता दी जाती है। अच्छा आईक्यू स्तर, हमारे आम जनजीवन, कैरियर और भविष्य की हमारी योजनाओं के लिए भी बेहद जरूरी होता है। माना जाता है कि नियमित स्कूल जाने और बेहतर शिक्षा से भी आईक्यू स्तर बढ़ता है।
कैसे होती है IQ की गणना
IQ की गणना करने के लिए किसी व्यक्ति की मानसिक उम्र (Mental Age) को उसकी वास्तविक आयु (Real Age) से भाग देकर 100 से गुणा किया जाता है। इसका समीकरण है IQ = Mental Health ÷ Pysical Age × 100। उदाहरण के लिए अगर आपकी आयु 25 वर्ष है और आपकी मानसिक आयु (Mental Age) 40 है तो आपका IQ स्तर 40 ÷ 25 × 100 = 160 होगा। मानसिक आयु निकालने के लिए कई तरह के साइकोलॉजिस्ट टेस्ट (Psychologist Test) का इस्तेमाल किया जाता है।
मात्र दो फीसदी लोगों का IQ स्कोर 130 से ज्यादा होता है। सामान्य व्यक्ति का IQ स्कोर 100 होता है। मनुष्यों में प्रति दशक IQ स्तर 3 बढ़ जाता है। बावजूद औसत IQ स्कोर 100 ही रहता है।
कैसे चेक करें अपना आईक्यू स्कोर
बहुत से वेबसाइट ऑनलाइन IQ Test की सुविधा प्रदान करती है। इंटरनेट पर ऐसी बहुत सी साइट हैं, जहां पांच मिनट का वक्त देकर मुफ्त में आप आसानी से अपना आईक्यू स्तर जांच सकते हैं। ज्यादातर विशेषज्ञों का मानना है कि ऑनलाइन होने वाले आईक्यू टेस्ट के परिणाम हमेशा सही नहीं होते हैं, क्योंकि विशेषज्ञ मनोचिकित्सक जो टेस्ट करता है, वो ऑनलाइन कर पाना संभव नहीं है।
यदि आप सेना, इंटेलिजेंस या सिविल सर्विसेज जैसी किसी प्रतिष्ठित नौकरी में हैं तो आपको आईक्यू टेस्ट जरूर किया गया होगा। डॉक्टर अमूमन डिप्रेशन का शिकार मरीजों और निजी स्कूलों में प्रतिभाशाली बच्चों का भी आईक्यू टेस्ट किया जाता है। स्कूली छात्र का व्यस्क होने पर दोबारा आईक्यू टेस्ट कराना चाहिए, क्योंकि दोनों के टेस्ट में काफी अंतर होता है। ऑनलाइन के अलावा आप सटीक परिणाम प्राप्त करने के लिए स्थानीय काउंसलिंग सेंटर या मनोचिकित्सक के पास अपना IQ Test करा सकते हैं।