जस्टिस जेएस खेहर सुप्रीम कोर्ट के 44 वें प्रधान न्यायाधीश होंगे। वे 4 जनवरी 2017 को पदभार ग्रहण करेंगे। सर्वोच्च न्यायालय के सर्वोच्च पद पर पहुंचने वाले सिख समुदाय के वे पहले व्यक्ति हैं। उन्हीं की अध्यक्षता वाली पांच सदस्यीय संविधान पीठ ने जजों की नियुक्ति के लिए मोदी सरकार द्वारा बनाए गए विवादित राष्ट्रीय न्यायिक नियुक्ति आयोग (एनजेएसी) कानून को खारिज कर दिया था।
प्रधान न्यायाधीश टीएस ठाकुर ने सुप्रीम कोर्ट में उनके बाद सबसे वरिष्ठ जस्टिस खेहर को नया सीजेआई बनाने की सिफारिश की है। जस्टिस ठाकुर 3 जनवरी 2017 को रिटायर हो जाएंगे और 4 जनवरी को राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी जस्टिस खेहर को शपथ दिलाएंगे। जस्टिस खेहर 27 अगस्त 2017 को रिटायर होंगे। उनका कार्यकाल करीब आठ माह का होगा।
एलएलएम में गोल्ड मेडलिस्ट
एलएलएम में गोल्ड मेडल जीतने वाले जस्टिस खेहर का जन्म 28 अगस्त 1952 को हुआ। वे पंजाब और हरियाणा हाईकोर्ट एवं सुप्रीम कोर्ट में वकालत कर चुके हैं।
खेहर के हालिया बड़े फैसले
अरुणाचल प्रदेश में राष्ट्रपति शासन रद्द करने का आदेश देने वाली पीठ के अध्यक्ष।
सहारा समूह प्रमुख सुब्रत राय को जेल भेजने वाली पीठ के सदस्य।
श्रमिकों व कर्मचारियों के लिए ‘समान कार्य, समान वेतन’ का आदेश दिया था।
एजी को बताई थी लक्ष्मण रेखा
इसी साल 26 नवंबर को संविधान दिवस पर जस्टिस खेहर ने अटॉर्नी जनरल मुकुल रोहतगी के तीखे भाषण का यह कहकर जवाब दिया था कि न्यायपालिका अपनी ‘लक्ष्मणरेखा’ में रहकर ही काम कर रही है।
उनका कहना था, ‘न्यायपालिका को सभी व्यक्तियों, नागरिकों और गैर-नागरिकों को सत्ता के भेदभाव और दुरुपयोग से बचाने का अधिकार दिया गया है। देश में न्यायपालिका की सक्रिय भूमिका के कारण ही नागरिकों की स्वतंत्रता, समानता और गरिमा इतनी विकसित हो सकी है।’
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