1984 सिख दंगा मामले में उम्रकैद की सजा काट रहे सज्जन कुमार की जमानत याचिका पर सुप्रीम कोर्ट आज सुनवाई करेगा. जस्टिस एस ए बोबडे और जस्टिस अब्दुल नजीर की पीठ जमानत याचिका पर सुनवाई करेगी. दरअसल, इससे पहले सुप्रीम कोर्ट के जज जस्टिस संजीव खन्ना ने सज्जन कुमार की जमानत याचिका पर सुनवाई से खुद को अलग कर लिया था.
सुप्रीम कोर्ट ने सीबीआई को जारी किया था नोटिस
सुप्रीम कोर्ट सज्जन कुमार की अपील और जमानत याचिका पर सीबीआई को नोटिस जारी कर 6 हफ्ते में जवाब मांगा था. आपको बता दें कि सज्जन कुमार ने सुप्रीम कोर्ट में अपील दायर कर दिल्ली हाईकोर्ट के उस फैसले को चुनौती दी हुई है, जिसमें हाईकोर्ट ने सज्जन कुमार को दिल्ली कैंट इलाके में सिखों के कत्लेआम मामले में दोषी ठहराते हुए उम्रकैद की सजा सुनाई थी.
5 दोषियों पर लगाया था लाख रुपये का जुर्माना
हाईकोर्ट ने बाकी 5 दोषियों पर एक-एक लाख का जुर्माना लगाया था, जिनमें बलवान खोखर, कैप्टन भागमल, गिरधारी लाल को उम्रकैद जबकिमहेंद्र यादव और किशन खोखर की सजा 3 से 10 साल बढ़ा दी थी. जस्टिस एस मुरलीधर और जस्टिस विनोद गोयल की खंडपीठ ने अपने फैसले में कहा था कि 1947 में विभाजन के समय हुए नरसंहार के 37 साल बाद फिर हजारों लोगों की हत्या हुई और पीएम की हत्या के बाद एक समुदाय को निशाना बनाया गया. हत्यारों को राजनीतिक संरक्षण था. पूर्वप्रधानमंत्री इंदिरा गांधी की हत्या के बाद दिल्ली कैंट के राज नगर में एक ही परिवार के पांच सदस्यों की हत्या की गई थी.
निचली अदालत ने सज्जन कुमार को किया था बरी
गौरतलब है कि निचली अदालत ने सज्जन कुमार को बरी कर दिया था. वहीं कांग्रेस के पूर्व पार्षद बलवान खोखर, रिटायर्ड नेवी अफसर कैप्टन भागमल, गिरधारी लाल को उम्रकैद की सजा और बाकी दो दोषियों पूर्व MLA महेंद्र यादव, किशन खोखर को 3 साल की सजा सुनाई थी. जबकि कांग्रेसनेतासज्जन कुमारकोबरी कर दिया गया था. निचली अदालत के फैसले के खिलाफ दोषियों ने दिल्ली हाईकोर्ट में अपील की थी. वहीं सीबीआई ने कांग्रेस नेता सज्जन कुमार को बरी करने के खिलाफ अपील की थी.