जब अमरीकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप और उत्तर कोरियाई नेता किम जोंग उन इस महीने सिंगापुर में मिलेंगे, तो उनकी रक्षा वहां स्थित गोरखा टुकड़ी करेगी। वे वहां खुखरी और असाॅल्ट राइफल्स के साथ तैनात होंगे। बता दें कि नेपाली गोरखाओं को दुनिया का सबसे बहादुर योद्धा माना जाता है। राजनयिकों के मुताबिक, वैसे तो दोनों नेता अपनी व्यक्तिगत सुरक्षा टीम लाएंगे, लेकिन गोरखा टुकड़ी और स्थानीय पुलिस शिखर सम्मेलन, सड़कों और होटलों की सुरक्षा में तैनात होगी। बता दें कि इससे पहले गोरखाओं को इस सप्ताह की शुरुआत में शांगरी-ला होटल की सुरक्षा में तैनात देखा गया था, जिसमें भारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, अमरीकी रक्षा मंत्री जिम मैटिस और अन्य क्षेत्रीय मंत्री मौजूद थे।
पारंपरिक हथियार है खुखरी
सिंगापुर पुलिस द्वारा चुने गए गोरखा बटालियन बेल्जियम में बनी हुई एफएन एससीएआर राइफल और पिस्टल जैसे आधुनिक हथियारों से लैस है। लेकिन इन सभी हथियारों के बावजूद गोरखा अपने साथ खुखरी जरूर रखते हैं। दरअसल, ये उनका पारंपरिक हथियार है और उनका मानना है कि जब भी खुखरी म्यान से बाहर आती है तो इसे किसी न किसी का खून ज़रूर चाहिए होता है। सिंगापुर आर्म्ड फोर्सेस के एक्सपर्ट टिम हक्सले ने कहा। ‘गोरखा लोग स्पेशल ऑपरेशन के लिए ट्रेंड होते हैं, इसलिए उन्हें इस हाई लेबल मीटिंग के लिए तैनात किया जाएगा।
सिंगापुर मलेशिया बॉर्डर पर काम देखा गया
हक्सले ने बताया कि गोरखा सिंगापुर पुलिस के लिए काफी महत्त्वपूर्ण हैं। कई तनावभरी स्थितियों में गोरखाओं ने सिंगापुर की रक्षा की है और सिंगापुर मलेशिया बॉर्डर पर भी इनका जबरदस्त काम देखा गया है। हालांकि सिंगापुर पुलिस के प्रवक्ता ने इसको लेकर कोई बयान जारी नहीं किया है। पारंपरिक रूप से गोरखा लोगों को सेना में ब्रिटिश द्वारा भर्ती किया जाता था। इस समय गोरखा भारत, नेपाल, ब्रिटिश, ब्रुनेई, और सिंगापुर की सशस्त्र बलों में काम करते हैं। भारत और ब्रिटेन की सेना में गोरखा टुकड़ी है जबकि सिंगाुर और ब्रुनेई की पुलिस में गोरखा शामिल हैं। गोरखा मूल रूप से नेपाल के हैं इसलिए इनकी यहां के सेना और पुलिस दोनों में मौजूदगी है। इन लोगों ने विश्व युद्ध से लेकर फाॅकलैंड आइलैंड के साथ साथ हाल ही में अफगानिस्तान में भी युद्ध लड़ा है।
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