सावन शिव भक्ति में लीन होकर घर से निकले कांवड़ियों की सेहत का ख्‍याल रखेंगी स्‍वास्‍थ्‍य विभाग की टीमें, भदोही सीमा तक सजगता

सावन शिव भक्ति में लीन होकर घर से निकले कांवड़ियों की सेहत की सुरक्षा स्वास्थ्य विभाग करेगा। प्रयागराज शहर के दारागंज से लेकर वाराणसी मार्ग पर बरौत तक डाक्टरों की आठ टीमें तैनात रहेंगी। इन सभी के साथ एक-एक एंबुलेंस भी सक्रिय रहेगी ताकि किसी कांवड़िए की हालत ज्यादा बिगड़ने पर फौरन नजदीकी अस्पताल पहुंचाया जा सके। सावन की शुरुआत के साथ यह सभी टीमें सक्रिय कर दी गई हैं। डाक्टरों को यह भी कहा गया है कि कांवड़ियों में कोरोना का भी ध्यान रखें।

स्‍वास्‍थ्‍य विभाग के इंतजाम : प्रयागराज के दशाश्वमेध घाट पर कांवड़ियों का जमघट होता है। गंगा नदी का यही एकमात्र घाट है, जहां से जल लेकर कांवड़िए काशी विश्वनाथ और बाबा बैजनाथ धाम के लिए रवाना होते हैं। हर-हर, बम-बम का घोष करते कांवड़ियों की सुरक्षा चाक चौबंद होती है। सावन के प्रत्येक सोमवार को इस घाट से लेकर वाराणसी मार्ग तक कांवड़ियों की भीड़ से सड़क भगवा रूप में नजर आती है। ऐसे में कांवड़ियों की सेहत की रखवाली को स्वास्थ्य विभाग ने भी व्यापक इंतजाम किए हैं।

सीएमओ बोले- स्‍वास्‍थ्‍य टीम में डाक्‍टर, फार्मासिस्‍ट, दवा व एंबुलेंस व्‍यवस्‍था : मुख्य चिकित्साधिकारी डा. नानक सरन ने बताया कि दारागंज में संगम चौकी के पास, गंगा नदी पार करते ही झूंसी में, कोटवा एट बनी अस्पताल से लेकर बरौत तक आठ स्थानों पर स्वास्थ्य टीमें लगाई गई हैं। इनमेें डाक्टर, फार्मासिस्ट, दवा और एंबुलेंस का भी इंतजाम है।

महिला डाक्टरों की भी तैनाती : कांवड़ यात्रा पर महिलाएं व युवतियां भी जाती हैं, इसलिए स्वास्थ्य शिविरों में महिला डाक्टरों की भी तैनाती गई है। डाक्टरों की ड्यूटी निर्धारित कर ओपीडी को 24 घंटे तक चलाने का निर्देश है। सीएमओ ने बताया कि प्रत्येक शिविर में अब तक जो भी कांवड़िया उपचार कराने पहुंचे हैं ,उन्हें मामूली तकलीफ थी। किसी को शरीर में कहीं दर्द, मामूली बुखार या थकावट और कमजोरी की समस्या थी। इनमें किसी को भी अस्पताल में भर्ती करने की जरूरत नहीं पड़ी है।

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