देश के पांच राज्यों और एक केंद्र शासित प्रदेश में जेएनयू सार्वजनिक व घरेलू वाहनों के खर्चों का अध्ययन करेगा। इसके लिए 15 हजार नमूने लिए जाएंगे। इस अध्ययन का उद्देश्य सड़क परिवहन सेवाओं और घरेलू वाहनों की मरम्मत और रखरखाव का ब्यौरा जुटना है।
जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय (जेएनयू) देश के अलग-अलग कोने में सार्वजनिक सड़क परिवहन सेवाओं और घरेलू वाहन खर्चों पर अध्ययन करेगा। इसके लिए जेएनयू के क्षेत्रीय विकास अध्ययन केंद्र ने कवायद शुरू कर दी है। इस अध्ययन का उद्देश्य सड़क परिवहन सेवाओं और घरेलू वाहनों की मरम्मत और रखरखाव का ब्यौरा जुटना है। यह अध्ययन पांच राज्यों और एक केंद्र शासित प्रदेश में होगा। सभी जगहों से 15 हजार नमूने लिए जाएंगे।
इसमें उत्तर प्रदेश से 4298, महाराष्ट्र से 3309, तमिलनाडु से 2239, गुजरात से 2176, कर्नाटक से 2161 और दिल्ली से 815 नमूने लिए जाएंगे। बस, टैक्सी, ऑटो रिक्शा, ई-रिक्शा, दोपहिया वाहन और दूसरे सार्वजनिक वाहनों को अध्ययन में शामिल किया जाएगा।
अध्ययन के लिए एजेंसी की तलाश जारी
अध्ययन के लिए जेएनयू एक एजेंसी की तलाश कर रहा है जो अलग-अलग राज्यों में यह अध्ययन करेगी। इस अध्ययन में विभिन्न प्रकार के निजी और व्यावसायिक वाहनों के व्यय और राजस्व संबंधी जानकारी एकत्रित की जाएगी। इसके लिए निजी और सरकारी एजेंसी की मदद ली जाएगी।
52 लाख का बजट निर्धारित
इस अध्ययन के लिए अनुमानित 52 लाख रुपये से अधिक का बजट निर्धारित किया गया है। एक अधिकारी ने कहा कि हम इस अध्ययन के माध्यम से देखता चाहते है कि वाहनों के रखरखाव पर कितना खर्चा होता है। साथ ही सार्वजनिक सड़क परिवहन सुविधा राज्यों में कैसी है। सार्वजनिक वाहन की तुलना में निजी वाहन से सफर की लागत कितनी है। किस राज्य में क्या हालत है उसके बारे में जानकारी जुटाना चाहते है।