सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों ने डोरस्टेप बैंकिंग की सेवा शुरु की वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने किया उद्घाटन

सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों ने भी डोरस्टेप बैंकिंग यानी सभी ग्राहकों को उनके घर तक बैंकिंग सेवा पहुंचाने की सेवा शुरू कर दी है. बुधवार को वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने इसका उद्घाटन किया. अभी तक कई निजी बैंक ऐसी सेवाएं देते रहे हैं.

इस अवसर पर वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा कि अर्थव्यवस्था को उबारने में बैंकों की उत्प्ररेक की भूमिका हैं. उन्होंने कहा, ‘इस अवस्था में आर्थिक स्थिति को उबारने में बैंक उत्प्ररेक हैं. बैंक अपने हर ग्राहक की नब्ज पहचानते हैं. जितनी तेजी से भारत ने जनधन, आधार और मोबाइल को अपनाया है, वह दुनिया भर के देशों के लिए नजीर है.’

डोरस्टेप बैंकिंग की नींव भारतीय रिजर्व बैंक ने कुछ साल पहले रखी थी. पब्लिक सेक्टर बैंकों ने एक साथ मिलकर एक कॉमन सर्विस प्रोवाइडर रखा है, जो उनके ग्राहकों तक सेवाएं पहुंचा सके. पहले ये तय किया गया था कि डोरस्टेप बैंकिंग फैसिलिटी सिर्फ वरिष्ठ नागरिकों और दिव्यांगों को दी जाएगी, जिन्हें बैंक आने में दिक्कतों का सामना करना पड़ता है.

कोरोना महारामारी को देखते हुए आरबीआई ने कहा था कि 70 साल से अधिक उम्र के सभी लोगों और दिव्यांगों को डोरस्टेप बैंकिंग सेवा दी जानी चाहिए. वित्त मंत्रालय के अनुसार सार्वजनिक बैंकों ने कोरोना संकट के बीच लोगों की अच्छी सेवा की और उनकी 80,000 से ज्यादा शाखाओं में लगातार काम होता रहा.

इसके तहत बैंकों को कैश पहुंचाने, कलेक्ट करने और डिमांड ड्राफ्ट ड्रॉप करने जैसी सुविधाएं देनी होंगी. अब यह सेवा हर किसी के लिए है. इनका इस्तेमाल पब्लिक बैंक के ग्राहक वेब पोर्टल, मोबाइल ऐप और कॉल सेंटर के जरिए कर सकेंगे. ग्राहक इसमें इनके माध्यम से बैंकिंग सेवा पर नजर भी रख सकेंगे. ये सेवाएं देश भर में करीब 100 सेंटर्स से संचालित होंगी. डोरस्टेप बैंकिंग सेवाएं एजेंट के जरिए लोगों तक पहुंचाई जाएंगी.

अभी तक चेक/डिमांड ड्राफ्ट/पे ऑर्डर जारी करने, अकाउंट स्टेटमेंट, गिफ्ट कार्ड जारी करने जैसी गैर वित्तीय जरूरतों के लिए ही बैंक इस तरह की सुविधा देते थे. अब कैश लेने, कैश पहुंचाने, चेक कलेक्ट करने, ड्राफ्ट की​ डिलिवरी, केवाईसी दस्तावेज लेने जैसी कई महत्वपूर्ण सेवाएं ग्राहकों को उनके घर पर ही मिल जाएंगी.

वित्त मंत्रालय ने बताया कि करीब 4 करोड़ ग्राहक मोबाइल और इंटरनेट बैंकिंग में एक्टिव हैं. मोबाइल बैंकिंग और इंटरनेट बैंकिंग से वित्तीय लेनदेन में 140 फीसदी की बढ़त हुई है. इसी तरह सभी डिजिटल चैनल्स से लेनदेन में 50 फीसदी की बढ़त हुई है.

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