वर्ष 2006 में इजराइल के साथ हुई लड़ाई के बाद गृहयुद्ध की मार झेल रहा लेबनान इस वक़्त आर्थिक मंदी के दौर से गुजर रहा है। वहां पर आर्थिक मंदी इस कदर हावी हो चुकी है कि लोगों के पास अब खुद की शादी करने के लिए भी धन नहीं है।
शायद इसी का परिणाम है कि लेबनान सहित पश्चिमी एशिया के कई देशों में सामूहिक विवाहों का ट्रेंड काफी बढ़ गया है। यदि बीते एक महीने की बात करें तो यहां पर चार सामूहिक शादियों के बड़े कार्यक्रम किए गए।
इसमें 116 जोड़ों का सामूहिक विवाह करवाया गया। शादियों में सबसे हैरान करने वाली बात यह रही कि इनमें से कुछ शादियों को पैसा शिया समर्थित आतंकी गुट हिजबुल्ला ने दिया। जिसके पीछे ऐसे कयास लगाए जा रहे हैं कि इन शादियों का समर्थन करके वे अपने संगठन को मजबूत करना चाहते हैं। वे इन जोड़ों से जन्म लेने वाले बच्चों को हथियारबंद लड़ाकू बनाना चाहते हैं।
ऐसा नहीं है कि इस तरह की शादियां करवाने में सिर्फ सरकार आगे आ रही है, बल्कि इस किस्म की शादियां करवाने में विदेशी लोग भी आगे आ रहे हैं। कुछ देशों की सरकारें जैसे यूएई, तुर्की और फिलिस्तीनी भी इन शादियों का समर्थन कर रही हैं।
शादी कराने वाले आयोजक कपल्स को कई सुविधाएं भी दे रहे हैं। दूल्हा-दुल्हन को न सिर्फ शादी के कपड़े दिए जाते हैं, बल्कि उनकी शादी से संबंधित हर चीज मसलन शादी का कार्ड, फोटो, फूल का खर्च भी उठाया जाता है। साथ ही हर दंपत्ति को 2 हजार डॉलर (करीब 1 लाख 42 हजार रुपए) नकद दिए जाते हैं।