मुंबई : मालेगांव बम धमाके को लेकर मुंबई उच्च न्यायालय का महत्वपूर्ण निर्णय आया है। दरअसल न्यायालय ने इस मामले में एनआईए द्वारा दायर की गई चार्जशीट पर सुनवाई की। इस मामले में आरोपी बनाई गई साध्वी प्रज्ञा को न्यायालय ने सशर्त जमानत पर रिहा कर दिया। न्यायालय ने कहा है कि उन्हें अपना पासपोर्ट जमा करना होगा,
अर्थात् वे न्यायालय की अनुमति के बिना विदेश नहीं जा सकेंगी। इतना ही नहीं इस मामले में आरोपी कर्नल पुरोहित को जमानत नहीं दी गई है।
साध्वी प्रज्ञा को लेकर सुनवाई के दौरान घटना में उनकी मोटरसाईकिल के उपयोग पर सवाल उठे। इस दौरान बचाव पक्ष द्वारा कहा गया कि उनकी मोटरसाईकिल 2004 में बेच दी गई थी जबकि बम धमाके की घटना तो वर्ष 2008 के लगभग हुई है। ऐसे में उनके वाहन के उपयोग को लेकर उन्हें दोषी नहीं माना जा सकता है।
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गौरतलब है कि न्यायालय ने साध्वी प्रज्ञा को जो सशर्त जमानत दी है उसमें 5 लाख रूपए का निजी मुचलका भरने की बात कही गई है। उल्लेखनीय है कि कर्नल पुरोहित द्वारा वर्ष 2006 में अभिनव भारत संगठन का निर्माण किया गया। उसने बड़े पैमाने पर धन एकत्रित किया और फिर हथियार और बारूद का प्रबंधन कर हिंदू राष्ट्र के संविधान व केसरिया ध्वज का प्रस्ताव भी सामने रखा था।
वर्ष 2008 में भोपाल में गुप्त बैठक का आयोजन हुआ। मालेगांव में बम धमाका करवाने पर चर्चा हुई। इसके बाद विभिन्न साजिशों को वर्ष 2008 में अंजाम दिया गया। इस दौरान मालेगांव में धमाका किया गया। इस धमाके में 6 लोगों की मौत हो गई। साथ ही 101 लोग घायल हुए। इसे हिंदू भगवा आतंक का एक स्वरूप माना गया और इस मामले में पहले महाराष्ट्र एटीएस और बाद में एनआईए ने जांच की।
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