भारतीय महिला पहलवान साक्षी मलिक ने रियो ओलंपिक में बुधवार देर रात 2.53 बजे इतिहास रच दिया। साक्षी पहली भारतीय महिला पहलवान बनीं, जिन्होंने कुश्ती के मुकाबले में कांस्य पदक जीता। इसके साथ ही भारत का भी ओलंपिक में खाता खुला। उन्होंने किर्गिस्तान की असुलू तिनीबेकोवा को 8-5 से हराया।
रियो में, 12-3 से ओरखोन को शिकस्त
इससे पहले साक्षी मलिक ने जबरदस्त प्रदर्शन करते हुए मंगोलिया की ओरखोन बरवोर्ज को 12-3 से शिकस्त दी। साक्षी को क्वार्टर फाइनल में हार का सामना करना पड़ा था लेकिन उनकी विपक्षी रूसी पहलवान के फाइनल में पहुंचने के कारण साक्षी को रेपचेज राउंड में उतरने का मौका मिला। भारतीय पहलवान ने ओरखोन के खिलाफ रेपचेज राउंड का यह मुकाबला 12-3 से जीत लिया। पहले राउण्ड में स्कोर 2-2 से बराबर था लेकिन दूसरे राउण्ड में साक्षी ने 10 अंक बटोर कर मुकाबला निपटा दिया।
क्वार्टरफाइनल में हारीं
साक्षी मलिक (58 किग्रा) और विनेश फोगाट (48 किग्रा) को क्वार्टर फाइनल में हार का सामना करना पड़ा था। साक्षी को 58 किग्रा वर्ग के क्वार्टर फाइनल में रूस की वैलिरिया कोब्लोवा झोलोबोवा ने 9-2 से पराजित किया जबकि विनेश को चोटिल होने के कारण 48 किग्रा वर्ग में चीन की यानन सुन के खिलाफ क्वार्टर फाइनल मुकाबला छोड़ देना पड़ा। साक्षी को हराने वाली रूस की वैलेरिया ने सेमीफाइनल में किर्गिजस्तान की एसुलू तिनीबेकोवा को 4-1 से पराजित किया।
चोट से हारी विनेश
अपना पहला राउंड 11-0 से जीतने वालीं विनेश के लिए यह बड़े दुर्भाग्य की बात रही कि उन्हें चोटिल होने के कारण चीन की यानन सुंग के खिलाफ अपना मुकाबला छोड़ देना पड़ा। उस समय विनेश 0-5 से पीछे थीं। विनेश को अपने पहले मुकाबले में ही कुछ चोट लग गयी थी और क्वार्टरफाइनल में उनके घुटने की चोट ने उन्हें मुकाबले से बाहर कर दिया। विनेश को स्ट्रेचर पर बाहर ले जाया गया। इसके साथ ही विनेश के अभियान का ओलंपिक में दुर्भाग्यपूर्ण अंत हो गया।