कटनी में सांसद निधि से बनने वाले सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र की नींव भ्रष्टाचार पर रखी जा रही है। अब इसका फोटो सोशल मीडिया पर वायरल होते ही अधिकारियों ने तत्काल जांच करवाने की बात कही है। दरअसल भवन की नींव मिट्टी-पत्थर के साथ गुणवत्ताहीन तरीके से किया जा रहा है।
मध्य प्रदेश के कटनी जिले में सांसद निधि से बनने वाले सामुदायिक स्वास्थ्य भवन से भ्रष्टाचार की ऐसी तस्वीर सामने आई हैं, जिसे देखकर हर कोई हैरान है। मामला जनपद पंचायत रीठी अंतर्गत ग्राम पंचायत करहिया क्रमांक-01 का है, जहां ठेकेदार और अधिकारियों की मिलीभगत ने ग्रामीणों का गुस्सा भड़का दिया। ग्रामीणों ने इसकी शिकायत दर्ज कराई है।
खुलेआम मिट्टी का इस्तेमाल किया जा रहा
जानकारी के अनुसार, करहिया गांव में 15 लाख रुपए की लागत से सांसद निधि से स्वीकृत सामुदायिक भवन का निर्माण कराया जा रहा है। लेकिन निर्माण कार्य में भारी अनियमितताएं सामने आई हैं। जहां मजबूत नींव के लिए सीमेंट, गिट्टी और रेत का उपयोग होना चाहिए था, वहां खुलेआम मिट्टी का इस्तेमाल किया जा रहा है। इतना ही नहीं, दीवारें भी पत्थर और मिट्टी से छापकर खड़ी की जा रही हैं। ग्रामीणों का आरोप है कि पंचायत प्रतिनिधियों ने मजदूरों को खर्च बचाने के लिए मिट्टी इस्तेमाल करने के निर्देश दिए।
ग्रामीणों का विरोध, सरपंच-ठेकेदार की मिलीभगत उजागर
ग्रामीणों ने जब विरोध जताया तो सरपंच और ठेकेदार की सांठगांठ सामने आ गई। उनका कहना है कि यह भवन शुरुआत से ही कमजोर और असुरक्षित है, जो भविष्य में हादसे का कारण बन सकता है। सबसे बड़ा सवाल यह है कि नियमित जांच करने वाला जिम्मेदार इंजीनियर मौके से नदारद क्यों रहा? ग्रामीणों का आरोप है कि इंजीनियर भी भ्रष्टाचार में शामिल है और जानबूझकर अनदेखी कर रहा है।
जनपद सीईओ का बयान
जनपद रीठी के सीईओ आर.एन. सिंह ने मामले को स्वीकार करते हुए बताया कि उन्होंने उपयंत्री और इंजीनियर को जांच के लिए भेजा है। आदेश दिया गया है कि घटिया निर्माण को तुरंत तोड़कर नए सिरे से गुणवत्तायुक्त भवन बनाया जाए। साथ ही दोषियों पर जांच रिपोर्ट के आधार पर कार्रवाई भी की जाएगी।
भ्रष्टाचार पर सवाल
ग्रामीणों का कहना है कि सांसद निधि जैसी योजना जनता की सुविधा और विकास के लिए है, लेकिन इसका इस्तेमाल भ्रष्टाचारियों की जेब भरने में किया जा रहा है। यह मामला केवल एक पंचायत तक सीमित नहीं, बल्कि पूरे जनपद की कार्यप्रणाली पर सवाल खड़े करता है। फिलहाल, वायरल हुई तस्वीरों ने भ्रष्टाचार की पोल खोल दी है। अब देखना यह होगा कि दोषियों पर कितनी सख्त कार्रवाई होती है।