भारत के कुछ हिस्सों में लोग सर्दी का अनुभव कर रहे होंगे. जबकि अन्य हिस्सों में हर गुजरते दिन के साथ तापमान में मामूली गिरावट दर्ज हो रही है. कोविड-19 महामारी के बीच जरूरी है कि हम अपनी डाइट में अनुकूल बदलाव लाएं जिससे इम्यूनिटी मजबूत होने के साथ लंबे समय तक रोग मुक्त रहा जा सके.
घर से काम करने के मिले विकल्प से लंबे समय तक बैठना पड़ रहा है. जिससे पीठ का दर्द, घुटनों का दर्द, गले का दर्द और शरीर में जकड़न हो रहा है. इसलिए जरूरी है कि सर्दी के सुपर फुड्स को जाना जाए. विशेषज्ञों का कहना है कि सर्दी के मौसम में भारतीय फूड से स्वास्थ्य और इम्यूनिटी को बढ़ाया जा सकता है.
सर्दी के सुपर फूड इम्यूनिटी बढ़ाने में मददगार-
घी: कूकिंग ऑयल के तौर पर दाल और सब्जी के लिए घी का इस्तेमाल किया जा सकता है. या फिर जब सब्जी या दाल तैयार हो जाए तो उसमें घी को शामिल कर लेना चाहिए. घी में पाया जानेवाला फैट न सिर्फ गर्मी देता है बल्कि फैट में घुलनशील विटामिन ए, डी, ई और के को मिलाने में भी सहायक होता है. घी का सबसे बड़ा फायदा स्वाद बढ़ाने में भी हो सकता है.
मूंगफली: ये प्रोटीन से भरपूर फली स्वस्थ स्नैक का विकल्प हो सकता है. आप मूंगफली को उबाल या फिर भुन सकते हैं या फिर कच्चा खा सकते हैं. चटनी में इस्तेमाल करने के लिए भी मूंगफली को पीस सकते हैं या सलाद और सब्जी को स्वादिष्ट बनाने में इस्तेमाल कर सकते हैं. मूंगफली शाकाहारी प्रोटीन का हेल्दी स्रोत होता है. इसके सेवन से आपको विटामिन बी, एमिनो एसिड और पॉलीफेनोल मिलता है. कहा जाता है कि मूंगफली का सेवन दिल के स्वास्थ्य को भी ठीक रखता है.
हरी सब्जियां: पालक, मेथी, सरसों, पुदीना और हरा लहसुन कुछ ऐसी सब्जियां हैं जो सर्दी के मौसम में पर्याप्त रूप से मिलती हैं. आप अपनी डाइट में जहां तक संभव हो सके नियमित शामिल करें. मौसम में बदलाव के कारण इनके सेवन से सूजन और हाथ-पांव का जलन कम करने में मदद मिलती है.
बाजरा: साबुत अनाज का सेवन रोटी या लड्डू बनाकर किया जा सकता है. बाजरा की खिचड़ी भी बनाई जा सकती है. इसके सेवन से मांसपेशियों और बालों का विकास होता है. इसके अलावा, विटामिन बी की भी प्राप्ति होती है.
जड़वाली सब्जियां: गाजर, चुकंदर, मूली, शलजम, प्याज को सर्दी की डिश का जरूरी हिस्सा होना चाहिए. इनके सेवन से आंत के अनुकूल प्रीबायोटिक प्राप्त होता है और वजन घटाने में भी मदद मिलती है. ये जड़वाली सब्जियां पौष्टिक तत्वों को बेहतर तरीके से घुलाने और पाचन को ठीक करने में भी मुफीद होती हैं.
कुलथी दाल (चने की दाल): काले रंग की कुलथी दाल का इस्तेमाल दक्षिण भारत में अधिक होता है. सर्दी के मौसम में इस दाल का सेवन जरूर करना चाहिए. आप परंपरागत तरीके से कुलथी की दाल बना सकते हैं या इसका पराठा बनाकर खा सकते हैं और सूप की शक्ल में भी पी सकते हैं. दाल का सेवन किडनी स्टोन को रोकने में मददगार होता है और ब्लोटिंग की समस्या भी दूर करता है. इसके सेवन से प्रोटीन, फाइबर और सूक्ष्म पौष्टिक तत्व भरपूर मात्रा में मिलते हैं.
तिल: तिल का बीज चिक्की या लड्डू की शक्ल में खाया जा सकता है. चटनी को स्वादिष्ठ बनाने के लिए भी तिल को पिसा जा सकता है. तिल के बीज में शरीर के लिए जरूरी फैट्टी एसिड और विटामिन ई पाया जाता है. आवश्यक फैट्टी एसिड की प्राप्ति सर्दी में महत्वपूर्ण हो जाती है. तिल शरीर को गर्मी पहुंचाने का काम करता है और पाचन या कमजोर हड्डी से जुड़ी समस्याओं को रोकता भी है. इसके अलावा पीठ दर्द, घुटने के दर्द में भी सेवन से राहत मिलती है.