जायफल की तासीर गर्म होती है। तासीर गर्म होने के कारण जायफल सर्दियों के लिए एक विशिष्ट औषधि है। भारत में मसालों के रूप में तथा आयुर्वेद में औषधि के रूप में जायफल का काफी इस्तेमाल होता है।
जायफल कई रोगों में लाभप्रद है। आयुर्वेद के अनुसार जायफल एंटी-ऑक्सीडेंट्स और एंटी-बैक्टीरियल गुणों के कारण शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता को मजबूत बनाता है।
पाचन क्रिया से संबंधित विकारों जैसे गैस, अपच, अफारा में जायफल का प्रयोग अदरक के साथ बहुत फायदेमंद है। जायफल पेट में उपस्थित पाचक एंजाइम को सक्रिय करता है, पाचन क्रिया को मजबूत बनाता है।
खानपान के शौकीन लोगों के पकवानों में जायफल एक अभिन्न मसाला है, जिसका फ्लेवर भोजन को लजीज बनाता है। गर्म मसालों में भी जायफल का प्रयोग होता है।
खड़े मसालों में जायफल एक विशेष सुगंध प्रदान करता है। जायफल युक्त तेलों और साबुनों की सौंदर्य प्रसाधनों में विशेष मांग है। इनके इस्तेमाल से त्वचा का रूखापन समाप्त हो जाता है।
कानपूर के आयुर्वेद विशेषज्ञ डॉ.अर्पिता सी.राज ने बताया कि नवजात शिशु को जन्म देने वाली माताएं प्राय: कमर में दर्द से परेशान रहती हैं। उनके लिए भी जायफल लाभप्रद है।
आजकल भागदौड़ भरी जिंदगी में पूरी नींद बहुत आवश्यक है। जायफल का प्रयोग निद्रा लाने में भी सहायक है तथा इसका इस्तेमाल सिरदर्द और आंखों के नीचे काले घेरों को भी कम करता है।