सरदार के प्रेरणात्मक Quotes से होगा गर्व और मिलेगी शक्ति

भारत के भू राजनीतिक एकीकरण के सूत्रधार ‘लौहपुरुष’ सरदार वल्लभभाई पटेल की आज 144वीं जयंती है। भारत के लौह पुरुष सरदार पटेल का जन्म 1875 में आज ही गुजरात के नाडियाड में हुआ था। वह भारत के पहले उप प्रधानमंत्री और गृह मंत्री थे। आज उनकी जयंती पर, उनके कुछ सबसे प्रसिद्ध उद्धरण को याद करना बेहद ही जरूरी है। सरदार वल्लभ भाई पटेल के विचार आज भी हम लोगों को प्रेरणा देते हैं। भारत को एक राष्ट्र बनाने में वल्लभ भाई पटेल की खास भूमिका रही, जहां उनके ये Quotes भी राष्ट्र की एकता पर उनके विचारों को चित्रित करते हैं।

Quotes 1: ‘काम करने में तो मजा ही तब आता है, जब उसमें मुसीबत होती है, मुसीबत में काम करना बहादुरों का काम होता है, मर्दों का काम होता है, कायर तो मुसीबतों से डरते हैं, लेकिन हम कायर नहीं हैं, हमें मुसीबतों से डरना नहीं चाहिये।’- सरदार पटेल

Quotes 2: ‘जीवन की डोर तो ईश्वर के हाथ में है, इसलिए चिंता की कोई बात हो ही नहीं सकती।’- सरदार पटेल

Quotes 3: ‘इस मिट्टी में कुछ अनूठा है, जो कई बाधाओं के बावजूद भी हमेशा महान आत्माओं का निवास यहां रहा।’- सरदार पटेल

Quotes 4: ‘आपकी अच्छाई आपके मार्ग में बाधक है, इसलिए अपनी आँखों को क्रोध से लाल होने दीजिये और अन्याय का सामना मजबूत हाथों से कीजिए।’- सरदार पटेल

Quotes 5: ‘शक्ति के अभाव में विश्वास व्यर्थ है। विश्वास और शक्ति, दोनों किसी महान काम को करने के लिए अनिवार्य हैं।’- सरदार पटेल

Quotes 6: ‘जब तक इंसान के अंदर का बच्चा जीवित है, तब तक अंधकारमयी निराशा की छाया उससे दूर रहती है।’- सरदार पटेल

Quotes 7: ‘आपको अपना अपमान सहने की कला आनी चाहिए।’- सरदार पटेल

Quotes 8: ‘जब जनता एक हो जाती है, तब उसके सामने क्रूर से क्रूर शासन भी नहीं टिक सकता। अतः जात-पांत के ऊँच-नीच के भेदभाव को भुलाकर सब एक हो जाइए।’- सरदार पटेल

Quotes 9: ‘संस्कृति समझ-बूझकर शांति पर रची गयी है। मरना होगा तो वे अपने पापों से मरेंगे। जो काम प्रेम, शांति से होता है, वह वैर-भाव से नहीं होता।’- सरदार पटेल

Quotes 10: ‘मेरी एक ही इच्छा है कि भारत एक अच्छा उत्पादक हो और इस देश में कोई अन्न के लिए आंसू बहाता हुआ भूखा ना रहे।’- सरदार पटेल

बता दें कि सरदार पटेल ने देश की 564 रियासतों को एकता के सूत्र में बांध कर अखंड भारत की रचना की थी। उन्होंने 1917 से 1924 तक अहमदनगर के पहले भारतीय निगम आयुक्त के रूप में भी सेवा दी। 1924 से 1928 तक वह इसके निर्वाचित नगरपालिका अध्यक्ष भी रहे। उन्होंने भारतीय प्रशासनिक सेवा और भारतीय पुलिस सर्विस की नींव भी रखी। उन्हें 1991 में भरत रत्न से सम्मानित किया गया। फिर 15 दिसंबर, 1950 का वो दिन, जब 75 साल की उम्र में पटेल दुनिया को अलविदा कह गए।

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