सरकार देश में होने वाली अनहोनी घटनाओं को रोकने के लिए ऐसा नियम लाने की तैयारी कर रही है जिससे जल्दी ही कोई भी अधिकृत अधिकारी राष्ट्रीय सुरक्षा के मद्देनजर किसी का भी फोन टैप कर सकेगा. सूत्रों के मुताबिक दूरसंचार विभाग, टेलीग्राफ एक्ट में सेक्शन 419 B जोड़ने की तैयारी कर रहा है. अभी सेक्शन 419 A के तहत फोन टैपिंग का प्रावधान है, जिसके तहत सिर्फ गृह सचिव और राज्य गृह सचिव की मंजूरी से फोन टैपिंग हो सकती है. इसके तहत बनने वाले रुल्स का ड्राफ्ट तैयार किया जा चुका है. गृह मंत्रालय से हरी झण्डी मिलने के बाद इसे लागू किया जा सकता है.
उत्तर प्रदेश के पूर्व डीजीपी विक्रम सिंह ने सीएनबीसी आवाज़ को बताया कि यहा काफी अच्छा कानून साबित होगा. उन्होंने कहा कि अभी फोन टैपिंग की जो व्यवस्था है वह काफी लंबी है इसलिए सरकार का की कोशिश है कि फोन टैपिंग को तेज़ बनाने के साथ-साथ इसके दुरुपयोग को भी रोका जा सके. अभी की जो व्यवस्था है उससे तुरंत कार्रवाई नहीं हो पाती इससे राष्ट्र विरोधी तत्वों को लाभ मिलता है.
उन्होंने ये भी कहा कि इस नए नियम का दुरुपयोग न हो इसलिए जरूरी है कि अधिकृत अधिकारी बड़े स्तर के हों. उनका कहना है कि इसके लिए पुलिस में डीआईजी या स्पेशल कमिश्नर लेबल के और जिले में जिलाधिकारी लेबल के अधिकारियों को ही इसके लिए अधिकृत किया जाना चाहिए. साथ ही उन्होंने ये भी कहा कि इस बात को भी सुनिश्चित किया जाना चाहिए कि छुट्टी के दिन भी जरूरत पड़ने पर बड़े अधिकारी इसके लिए उपलब्ध हो सकें ताकि इसमें आने वाली व्यावहारिक समस्याओं से बचा जा सके.
उत्तर प्रदेश के पूर्व डीजीपी विक्रम सिंह ने सीएनबीसी आवाज़ को बताया कि इसकी काफी प्रासंगिकता है. उन्होंने कहा कि इसके बारे में और भी गाइडलाइंस दी गई हैं. अभी फोन टैपिंग की जो व्यवस्था है वह काफी लंबी है इसलिए सरकार का की कोशिश है कि इसे बेहतर बनाने के साथ साथ इसके दुरुपयोग को भी रोका जा सके. अभी की जो व्यवस्था है उससे तुरंत कार्रवाई नहीं हो पाती इससे राष्ट्र विरोधी तत्वों को लाभ मिलता है.
उन्होंने ये भी कहा कि इस नए नियम का दुरुपयोग न हो इसलिए जरूरी है कि अधिकृत अधिकारी बड़े स्तर के हों. उनका कहना है कि इसके लिए पुलिस में डीआईडी लेबल, जिले में जिलाधिकारी लेबल पर मिलना चाहिए. साथ ही उन्होंने ये भी कहा कि इस बात को भी सुनिश्चित किया जाना चाहिए कि छुट्टी के दिन भी अगर जरूरत हो बड़े अधिकारी इसके लिए उपलब्ध हो सकें ताकि इसमें आने वाली व्यावहारिक समस्याओं से बचा जा सके.
क्या हैं प्रोविज़न-
कोई भी अधिकृत अधिकारी फोन टैंपिग कर सकेगा.लाइसेंसिंग शर्तों के तहत मैसेज को स्टोर कर सकेगा.
सुरक्षा के मद्देनजर जांच एज़ेंसियों के साथ सूचनाएं साझा होंगी.
सेंट्रल मॉनिटरिंग सिस्टम के जरिए निगरानी होगी.
अभी दिल्ली और मुंबई में सेंट्रल मॉनिटरिंग सिस्टम है.
सरकार टेलीग्राफ एक्ट में सेक्शन 419 B जोड़ेगी.