नवीन एवं नवीकरणीय ऊर्जा मंत्रालय (एमएनआरई) ने तीन सदस्यीय विवाद निपटान समिति गठित करने का निर्णय किया है. यह समिति सौर या पवन ऊर्जा कंपनियों तथा सोलर एनर्जी कारपोरेशन आफ इंडिया (एसईसीआई) या सार्वजनिक क्षेत्र की बिजली कंपनी एनटीपीसी के बीच अनुबंध से जुड़े समझौतों इसे इतर अन्य विवादों पर गौर करेगी. इस प्रणाली में वे सभी परियोजनाएं शामिल होंगी जिसका क्रियान्वयन एसईसीआई और एनटीपीसी के जरिये होगा.
सौर और पवन ऊर्जा उद्योग इस प्रकार की विवाद निपटान प्रणाली स्थापित करने की मांग करता रहा है. एमएनआरई के एक कार्यालय आदेश में कहा गया है कि अनुबंध से जुड़े समझौतों के क्रियान्वयन के दौरान सौर/पवन ऊर्जा परियोजनाएं विकास करने वाली कंपनियों और एसईसीआई / एनटीपीसी के बीच अप्रत्याशित विवादों और मसलों के समाधान के लिये एक पारदर्शी, निष्पक्ष विवाद समाधान प्रणाली की जरूरत महसूस की जा रही थी.
डीआरसी सदस्यों की अधिकतम उम्र 70 साल होगी और उसके सदस्यों का चयन राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र में रहने वाले चर्चित लोगों में से किया जाएगा ताकि हवाई यात्रा और रहने के खर्च को टाला जा सके. समिति के सदस्यों का चयन इस प्रकार किया जाएगा कि हितों का कोई टकराव नहीं हो. डीआरसी व्यवस्था सभी सौर या पवन ऊर्जा परियोजनाओं, कार्यक्रमों और परियोजनाओं के लिये लागू होगी जिसका क्रियान्वयन एसईसीआई और एनटीपीसी के जरिये की जा रही हों.