प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रविवार को एग्रीकल्चर इंफ्रास्ट्रक्चर फंड के तहत वित्तीय सुविधाओं का ऐलान किया. प्रधानमंत्री मोदी ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से पीएम-किसान योजना की अलग-अलग सुविधाओं का ऐलान किया.
प्रधानमंत्री ने कहा, आज हलषष्टी है, भगवान बलराम की जयंती है. सभी देशवासियों को, विशेषतौर पर किसान साथियों को हलछठ की, दाऊ जन्मोत्सव की, बहुत-बहुत शुभकामनाएं. हलषष्टी और भगवान बलराम की जयंति के बेहद पावन अवसर पर देश में कृषि से जुड़ी सुविधाएं तैयार करने के लिए एक लाख करोड़ रुपये का विशेष फंड लॉन्च किया गया है.
इससे पहले प्रधानमंत्री ने एक ट्वीट में लिखा, सभी देशवासियों को, विशेष रूप से किसान भाई-बहनों को बलराम जयंती की, हलछठ और दाऊ जन्मोत्सव की शुभकामनाएं. इस खास दिन पर सुबह 11 बजे वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए एग्रीकल्चर इन्फ्रास्ट्रक्चर फंड के तहत एक लाख करोड़ रुपये की वित्तपोषण सुविधा की शुरुआत करूंगा.
योजना के शुभारंभ पर प्रधानमंत्री ने कहा, इस योजना से गांव में किसानों के समूहों को, किसान समितियों को, FPOs को वेयरहाउस बनाने के लिए, कोल्ड स्टोरेज बनाने के लिए, फूड प्रोसेसिंग से जुड़े उद्योग लगाने के लिए 1 लाख करोड़ रुपये की मदद मिलेगी. पहले e-NAM के ज़रिए, एक टेक्नॉलॉजी आधारित एक बड़ी व्यवस्था बनाई गई. अब कानून बनाकर किसान को मंडी के दायरे से और मंडी टैक्स के दायरे से मुक्त कर दिया गया.
प्रधानमंत्री ने कहा, अब किसान के पास अनेक विकल्प हैं. अगर वो अपने खेत में ही अपनी उपज का सौदा करना चाहे, तो वो कर सकता है. या फिर सीधे वेयरहाउस से, e-NAM से जुड़े व्यापारियों और संस्थानों को, जो भी उसको ज्यादा दाम देता है, उसके साथ फसल का सौदा किसान कर सकता है. इस कानून का उपयोग से ज्यादा दुरुपयोग हुआ. इससे देश के व्यापारियों को, निवेशकों को, डराने का काम ज्यादा हुआ. अब इस डर के तंत्र से भी कृषि से जुड़े व्यापार को मुक्त कर दिया गया है.
प्रधानमंत्री ने कहा, अब हम उस स्थिति की तरफ बढ़ रहे हैं, जहां गांव के कृषि उद्योगों से फूड आधारित उत्पाद शहर जाएंगे और शहरों से दूसरा औद्योगिक सामान बनकर गांव पहुंचेगा. यही तो आत्मनिर्भर भारत अभियान का संकल्प है, जिसके लिए हमें काम करना है. 2 दिन पहले ही, देश के छोटे किसानों से जुड़ी एक बहुत बड़ी योजना की शुरुआत की गई है. जिसका आने वाले समय में पूरे देश को बहुत बड़ा लाभ होने वाला है. देश की पहली ‘किसान रेल’ महाराष्ट्र और बिहार के बीच में शुरू हो चुकी है.
प्रधानमंत्री ने कहा, अब जब देश के बड़े शहरों तक छोटे किसानों की पहुंच हो रही है तो वो ताज़ा सब्जियां उगाने की दिशा में आगे बढ़ेंगे, पशुपालन और मत्स्यपालन की तरफ प्रोत्साहित होंगे. इससे कम ज़मीन से भी अधिक आय का रास्ता खुल जाएगा, रोज़गार और स्वरोज़गार के अनेक नए अवसर खुलेंगे. जितने भी कदम उठाए जा रहे हैं, इनसे 21वीं सदी में देश की ग्रामीण अर्थव्यवस्था की तस्वीर भी बदलेगी, कृषि से आय में भी कई गुणा वृद्धि होगी. हाल में लिए गए हर निर्णय आने वाले समय में गांव के नज़दीक ही व्यापक रोज़गार तैयार करने वाले हैं. ये हमारे किसान ही हैं, जिन्होंने लॉकडाउन के दौरान देश को खाने-पीने के ज़रूरी सामान की समस्या नहीं होने दी. देश जब लॉकडाउन में था, तब हमारा किसान खेतों में फसल की कटाई कर रहा था और बुआई के नए रिकॉर्ड बना रहा था.