सबसे पहले सुशांत केस में हमने सड़क से लेकर सदन तक CBI जांच की मांग की थी: RJD नेता तेजस्वी यादव

फिल्म अभिनेता सुशांत सिंह राजपूत केस की जांच को सुप्रीम कोर्ट ने सीबीआई को सौंप दिया है. सुप्रीम कोर्ट ने बिहार में दर्ज एफआईआर को सही ठहराया है और मुंबई पुलिस को सीबीआई जांच में सहयोग करने का आदेश दिया है. सुशांत मामले में अब सीबीआई जांच के आदेश पर बिहार के सत्ता पक्ष से लेकर विपक्ष तक क्रेडिट लेने की जुगत में है. तेजस्वी यादव ने सुप्रीम कोर्ट के सीबीआई से जांच कराने के फैसले का श्रेय लेने के साथ-साथ नीतीश सरकार पर निशाना साधा है.

आरजेडी नेता तेजस्वी यादव ने ट्वीट कर कहा कि सबसे पहले सुशांत केस में हमने सड़क से लेकर सदन तक सीबीआई जांच की मांग की थी और उसी का परिणाम है कि 40 दिनों से सोई बिहार सरकार को कुंभकर्णी नींद से जागना पड़ा था. तेजस्वी ने उम्मीद जतायी है कि एक तय समय सीमा के अंदर न्याय मिलेगा.

तेजस्वी ने कहा कि 30 जून को शेखर सुमन के साथ मांग उठाई थी तभी कहा था कि ये राजनीतिक मुद्दा नहीं है बल्कि इंसाफ की बात है. सुशांत राजपूत की मौत किसी तरह से आत्महत्या यकीन नहीं हो रहा था. ऐसे में हमने पूरे मामले की जांच की मांग उठाई और सुशांत के परिवार वालों से जाकर मिले.

नीतीश कुमार पर तेजस्वी ने सवाल खड़े करते हुए कहा कि मुख्यमंत्री सुशांत राजपूत के परिवार वालों से न तो मुलाकात की है और न ही 42 दिन तक कोई एक्शन लिया. हम सभी ने जब मांग उठाई तब जाकर 42 दिन के बाद उन्होंने सीबीआई से जांच कराने की सिफारिश की.

दरअसल, बिहार विधानसभा में सुशांत सिंह राजपूत की मौत का मामला उठाया गया था. सुशांत के चचेरे भाई और बीजेपी विधायक नीरज सिंह बबलू ने इस मामले को उठाया और सीबीआई जांच की मांग की थी. इस बीच नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव ने भी सदन में सुशांत केस में सीबीआई जांच कराने की मांग की थी.

लेकिन, बिहार की नीतीश सरकार ने सुशांत सिंह के परिवार वालों की मांग के बाद सीबीआई से जांच करने की सिफारिश की थी, जिसे लेकर सुप्रीम में चुनौती दी गई थी. इसी पर सुप्रीम कोर्ट ने सीबीआई से जांच कराने के सिफारिश को उचित माना है.

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