चीन को पछाड़ कर भारत दुनिया की सबसे तेजी से दौड़ने वाली अर्थव्यवस्था बन गया है. जनवरी-मार्च तिमाही के दौरान जीडीपी 7.7 फीसदी की रफ्तार से बढ़ी है. भारतीय अर्थव्यवस्था की रफ्तार वित्त वर्ष 2017-18 में 6.7 फीसदी रही है. गुरुवार को सरकार ने जीडीपी का डाटा जारी किया है.
इससे पहले फरवरी में सरकार ने 6.6 फीसदी की दर से जीडीपी के बढ़ने का अनुमान लगाया था. उस अनुमान से गुरुवार को जारी अनुमान ज्यादा है. जनवरी से मार्च तिमाही में चीन की रफ्तार 6.8 फीसदी रही थी, जो भारत से काफी कम है. जीडीपी के ये आंकड़े अच्छी कॉरपोरेट इनकम और इंडस्ट्रियल इनुपट डाटा में सुधार का संकेत हैं.
सेंट्रल स्टैटिस्टिक्स ऑफिस (CSO) का अनुमान दिखाता है कि ग्रोस वैल्यू एडेड (GVA) वित्त वर्ष 2017-18 के दौरान 6.5 फीसदी रहा है. जीवीए की रफ्तार पिछले साल से धीमी है. पिछले साल यह 7.1 फीसदी रहा था. मार्च महीने में खत्म हुई तिमाही के दौरान जीवीए 7.6 फीसदी रहने का अनुमान लगाया गया है. यह अक्टूबर-दिसंबर तिमाही के 6.6 फीसदी से ज्यादा है.
जनवरी से मार्च की इस तिमाही में मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर 9.1 फीसदी की दर से बढ़ा है. पिछले साल इसी अवधि के दौरान यह 8.1 फीसदी की रफ्तार से बढ़ी थी.
इससे पहले आर्थिक जानकारों ने दावा किया था कि आलोच्य तिमाही में भारतीय अर्थव्यवस्था को मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर और उपभोक्ता खर्च में फायदा हुआ है. इसके चलते केन्द्र सरकार अपने अनुमान पर खरा उतरते हुए चीन को एक बार फिर ग्रोथ में पछाड़ने का आंकड़ा जारी कर सकती है. उनका अनुमान सही साबित हुआ है.
वहीं इस हफ्ते की शुरुआत में केन्द्र सरकार के आर्थिक मामलों के सचिव सुभाष चन्द्र गर्ग ने दावा किया था कि जनवरी-मार्च तिमाही के दौरान एशिया की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था में जीडीपी ग्रोथ 7.3 से 7.5 फीसदी रहने का अनुमान है.
रॉयटर ने एक पोल के जरिए भी दावा किया था कि जनवरी-मार्च तिमाही के दौरान भारत की जीडीपी ग्रोथ 7.3 फीसदी रहेगी. सरकार की तरफ से जारी अनुमान इस पोल से भी काफी ज्यादा है.
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