सपा-बसपा से गठबंधन की अटकलों पर विराम, कांग्रेस की पहली सूची जारी

कांग्रेस ने लोकसभा प्रत्याशियों की पहली सूची जारी करके सपा-बसपा से गठबंधन की अटकलों पर विराम लगा दिया। उसने रायबरेली व अमेठी समेत कुल 11 सीटों पर अपने प्रत्याशी घोषित कर दिए हैं। इनमें से आठ सीटें उसने वर्ष 2009 के चुनाव में जीती थीं।

प्रत्याशियों की घोषणा में कांग्रेस ने और सभी दलों से बाजी मार ली है। रायबरेली से सोनिया गांधी और अमेठी से राहुल गांधी चुनाव लड़ेंगे। अभी तक यह चर्चा भी थी कि सोनिया गांधी अपने स्थान पर रायबरेली से प्रियंका गांधी वाड्रा को भी चुनाव लड़ा सकती हैं। 

पहली सूची ने इस चर्चा पर विराम लगा दिया है। पहली सूची में जिन सीटों पर प्रत्याशी उतारे गए हैं, उनमें से 8 सीटें वर्ष 2009 में कांग्रेस ने जीती थीं। अमेठी और रायबरेली सीट अभी भी कांग्रेस के खाते में हैं।

धौरेहरा से जितिन प्रसाद, उन्नाव से अन्नू टंडन, फर्रुखाबाद से सलमान खुर्शीद, अकबरपुर से राजाराम पाल, फैजाबाद से निर्मल खत्री और कुशीनगर से आरपीएन सिंह वर्ष 2009 के चुनाव में सांसद चुने गए थे। लेकिन, ये सभी नेता पिछले लोकसभा चुनाव में पराजित हो गए। 

बदायूं से पूर्व सांसद सलीम इकबाल शेरवानी को चुनाव मैदान में उतारा है। उन्होंने पांच बार इस सीट से लोकसभा में प्रतिनिधित्व किया है। जालौन सुरक्षित सीट से ब्रज लाल खाबरी को मौका दिया गया है। 

सहारनपुर से इमरान मसूद को उतारा गया है। वर्ष 2014 में भी मसूद कांग्रेस के प्रत्याशी रहे थे। उन्हें अच्छे वोट मिले थे, पर मोदी लहर में टिक नहीं सके।

कांग्रेस ने जिन 11 सीटों पर प्रत्याशी उतारे हैं, उनमें से 4 पर सपा और 5 पर बसपा ने गठबंधन के तहत प्रत्याशी उतारने की घोषणा की है। इनमें से एक बदायूं सीट से सपा के धर्मेंद्र यादव सांसद है। वर्ष 2014 की मोदी लहर में भी वे अपनी सीट बचाने में कामयाब रहे थे। इसलिए यह सीट सपा के लिए काफी अहम मानी जाती है। 

पहली सूची से यह साफ हो गया कि सपा-बसपा-रालोद गठबंधन में कांग्रेस भी शामिल होगी। हालांकि, सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव ने कांग्रेस के साथ एकतरफा गठबंधन की बात कहते हुए कहा था कि उसके लिए अमेठी और रायबरेली सीटें छोड़ दी गई हैं।

वर्ष 2009 में जीते प्रत्याशियों को पुन: मौका देगी कांग्रेस

कांग्रेस ने वर्ष 2009 में कुल 21 सीटें जीती थीं। इनमें बाराबंकी, कानपुर, बरेली, मुरादाबाद,  खीरी, सुल्तानपुर, प्रतापगढ़, झांसी, बहराइच, गोंडा, श्रावस्ती, डुमरियागंज, महराजगंज भी शामिल हैं। पार्टी सूत्रों का कहना है कि इन सीटों पर वर्ष 2009 में जीते प्रत्याशियों को ही दुबारा मौका दिया जाएगा।

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