सपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव ने कहा कि गठबंधन की बात चुनाव के वक्त करेंगे, अभी तो जमीनी लड़ाई के लिए पार्टी संगठन को दुरुस्त कर रहे हैं। हालांकि उन्होंने यह कहकर कि ‘मैं दोस्त नहीं बदलता हूं’, कांग्रेस से गठबंधन के रास्ते खुले रखे।
सपा के प्रदेश कार्यालय में बृहस्पतिवार को पूर्व सांसद लालचंद्र कोल (मिर्जापुर), पूर्व विधायक फरहत अब्बास, (अंबेडकरनगर), फर्रुखाबाद के पूर्व जिला पंचायत अध्यक्ष तहसीन सिद्दीकी, पूर्व विधायक ताहिर हुसैन सिद्दीकी, पूर्व विधायक शंभू चौधरी (कुशीनगर), पूर्व विधायक महेश वाल्मीकि (कानपुर), पूर्व विधायक नंदकिशोर मिश्र समेत बसपा, कांग्रेस और भाजपा के कई प्रमुख नेताओं ने अखिलेश के समक्ष सपा की सदस्यता ग्रहण की। इस मौके पर अखिलेश ने कहा कि सपा ने दूसरे दलों के नेताओं के लिए दरवाजे खोल रखे हैं।
गोरखपुर महोत्सव को लेकर किए गए सवाल पर कहा, हमें इसके आयोजन पर कोई आपत्ति नहीं है। यह सैफई महोत्सव से भी बेहतर हो, पर महोत्सव को लेकर भाजपा नेताओं के रिकॉर्डेड बयान सामने आने चाहिए।
दिन अच्छे नहीं, इसलिए जॉइन नहीं कर रहे डीजीपी
अखिलेश ने कहा, कन्नौज में बीमार दलित को पीट-पीटकर मार दिया गया। पति और भाई के सामने किसी महिला के साथ जबर्दस्ती मामूली घटना नहीं है। शामली में निषाद (कश्यप) समाज की लड़की की जघन्य हत्या पर भाजपा नेताओं ने आरोपी दबंगों पर पहले एफआईआर दर्ज नहीं करने दी। प्रदेश में अच्छे दिन नहीं हैं, इसलिए प्रदेश के डीजीपी जॉइन नहीं कर रहे हैं।
हम करें तो जातिवाद, वे करें तो सोशल इंजीनियरिंग
अखिलेश ने कहा कि भाजपा सर्वाधिक जातिवादी पार्टी है। फर्क सिर्फ इतना है कि हमारे जातिवाद पर खबरें लिखी जाती हैं और उनके जातिवाद को सोशल इंजीनियरिंग बताया जाता है। अब हम भी सोशल इंजीनियरिंग करेंगे।
भाजपा से जुड़े लोग तो नहीं पिला रहे थे शराब
अखिलेश ने बाराबंकी में अवैध शराब पीने से मौतों पर कहा कि कहीं भाजपा से जुड़े लोग तो अवैध शराब तो नहीं पिला रहे थे। इस मामले में जांच कर कड़ी कार्रवाई की जानी चाहिए। कहा, हम ऐसे मामलों में मौत पर 5 लाख रुपये की मदद देते थे, अब सरकार को दस-दस लाख रुपये की मदद करनी चाहिए।
भाजपा ध्यान बंटाने में माहिर
अखिलेश ने कहा, भाजपा ध्यान बंटाने में माहिर है। आलू किसान परेशान हैं, लेकिन भाजपा रंग बदलकर ध्यान भटका रही है। शौचालयों का रंग बदलकर भाजपा भगवान का अपमान कर रही है। रंग बदलने से खुशहाली नहीं आएगी।
ये भी हुए सपा में शमिल
पूर्व मंत्री श्यामलाल रावत, विश्राम पाल धनघर, बिंद समाज कल्याण संघ के राजेंद्र श्यामलाल बिंद, विजयशंकर यादव, लखनऊ की डॉ. सीमा सिंह, प्रो. अनित्य गौरव, कैलाश राजभर, डॉ. नवल किशोर चौधरी प्रो. पंकज मधुर, साकेत महाविद्यालय छात्रसंघ के अध्यक्ष राजेश वर्मा और जन अधिकार पार्टी के रामचंद्र त्यागी।
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