फाल्गुन पूर्णिमा (Falgun Purnima 2024) का दिन सभी धार्मिक गतिविधियों जैसे कि हवन गंगा नदी में पवित्र स्नान दान आदि के लिए शुभ है। इस पवित्र दिन पर विष्णु जी के मंदिरों में जाना अत्यधिक लाभकारी होता है क्योंकि वे इस जगत के संरक्षक हैं और यह वह दिन भी है जब उन्होंने अपने भक्त प्रहलाद की रक्षा की थी।
पूर्णिमा का हिंदुओं में बड़ा धार्मिक और आध्यात्मिक महत्व है। इस दिन भगवान श्री हरि विष्णु और भगवान सत्यनारायण की पूजा होती है। ज्यादातर भक्त इस शुभ दिन पर सत्यनारायण व्रत का पालन करते हैं। फाल्गुन पूर्णिमा 24 मार्च, 2024 को छोटी होली के दिन मनाई जाएगी।
फाल्गुन पूर्णिमा तिथि और समय
पूर्णिमा तिथि की शुरुआत – 24 मार्च, 2024 – 09:54 से
पूर्णिमा तिथि का समापन – 25 मार्च, 2024 – 12:29 तक।
सत्यनारायण पूजा का महत्व
फाल्गुन पूर्णिमा की तिथि सबसे शुभ तिथियों में से एक मानी जाती है, क्योंकि इस शुभ दिन पर साधक सत्यनारायण व्रत भी रखते हैं। पूर्णिमा का दिन सभी धार्मिक गतिविधियों जैसे कि हवन, गंगा नदी में पवित्र स्नान, दान आदि के लिए शुभ है।
इस पवित्र दिन पर विष्णु जी के मंदिरों में जाना अत्यधिक लाभकारी होता है, क्योंकि वे इस जगत के संरक्षक हैं और यह वह दिन भी है जब उन्होंने अपने भक्त प्रहलाद की रक्षा की थी।
सत्यनारायण पूजा कैसे करें ?
- सुबह उठकर स्नान करें।
- घर और मंदिर को साफ करें।
- सुबह व्रत भगवान का ध्यान करते हुए व्रत का संकल्प लें।
- एक वेदी पर भगवान सत्यनारायण की प्रतिमा स्थापित करें।
- पंचामृत से स्नान करवाएं।
- गोपी चंदन या हल्दी का तिलक लगाएं।
- देसी घी का दीपक जलाएं।
- पीले फूलों की माला और पीली मिठाई जो घर में बनी हो अर्पित करें।
- पंचामृत और पंजीरी का प्रसाद भगवान सत्यनारायण को अवश्य चढ़ाएं।
- प्रसाद में तुलसी पत्र अवश्य शामिल करें।
- सत्यनारायण व्रत कथा का पाठ करें या फिर सुनें।
- विष्णु सहस्रनाम, श्री हरि स्तोत्र का भी पाठ कर सकते हैं।
- भगवान विष्णु की आरती करें और उनका आशीर्वाद लें।
- व्रत रखने वाले लोग शाम को भगवान चंद्रमा को अर्घ्य देने के बाद ही अपना व्रत खोलें।
Live Halchal Latest News, Updated News, Hindi News Portal