देश में होने वाली सड़क दुर्घटनाएं हमें और गरीब बना रही हैं। सिर्फ गरीब ही नहीं बल्कि यह दुर्घटनाएं हमारे देश के एक बड़े तबके को मानसिक रोगी भी बना रही हैं। अगर सड़क दुर्घटनाओं पर अंकुश नहीं लगाया गया तो स्थितियां और विकराल होती चली जाएंगी। विश्व बैंक की हाल में जारी रिपोर्ट ‘ट्रैफिक क्रैश इंजरी एंड डिसेबिलिटी: दि बर्डन ऑन इंडियन सोसाइटी’ में देश में होने वाली दुर्घटनाओं और उसके पड़ने वाले प्रभाव पर कई जानकारियां सामने आईं हैं।
सड़क सुरक्षा पर आधारित यह सर्वे उत्तर प्रदेश, बिहार, तमिलनाडु और महाराष्ट्र में जुटाए गए आंकड़ों पर तैयार किया गया है। इन चार राज्यों में सर्वे के दौरान पता चला कि जिस परिवार में दुर्घटना हुई, उस पूरे परिवार की जिंदगी ही बदतर हो गई। चारों राज्यों में किए गए सर्वे के दौरान पता चला कि सड़क दुर्घटना में अपनी जान गंवाने के बाद या किसी तरीके से अपंग होने के बाद सबसे ज्यादा असर ग्रामीण परिवारों पर पड़ा।
शोध के दौरान पता चला कि 56 फीसदी लोग जो ग्रामीण परिवार से ताल्लुक रखते हैं उनकी पूरी जिंदगी बदहाल हो गयी। घर में कमाने वाले के न रहने या अपंग होने के चलते उसके घर का पूरा दारोमदार महिलाओं पर आ जाता है। चार राज्यों में किया गया सर्वे स्पष्ट तौर पर बताता है कि देश में दुर्घटना से ग्रसित 75 फ़ीसदी लोगों के घरों में आर्थिक संकट आ जाता है और उसका असर ताउम्र रहता है।
अध्ययन के दौरान यह पता चला कि तकरीबन 50 फीसदी महिलाएं इस दुर्घटना का सबसे ज्यादा असर झेलती हैं। क्योंकि घर को चलाने और कमाने की जिम्मेदारियां इन्हीं 50 फीसदी महिलाओं पर आ जाती है। सर्वे के दौरान यह भी पता चला कि 40 फीसदी महिलाओं की दिनचर्या और सामाजिक स्तर बदल जाता है। शोध यह भी बताता है कि 11 फीसदी महिलाओं को आर्थिक संकट से निपटने के लिए काम करने का समय और तरीका बदल जाता है।
सड़क दुर्घटना के सामाजिक प्रभाव के बारे में भी शोध से पता चलता है। चार राज्यों में किए गए सर्वे से इस बात की तस्दीक हुई है कि जिन परिवारों में घर का मुखिया या कोई भी कमाने वाला व्यक्ति दुर्घटना का शिकार हो जाता है तो 64 फीसदी ऐसे परिवारों के जीवन स्तर में गिरावट आती है। जबकि 50 फीसदी से ज्यादा परिवार के लोगों में मानसिक तनाव और दूसरी बीमारियां घर कर लेती हैं।
विश्व बैंक की रिपोर्ट के आंकड़ों पर केंद्रीय सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी ने कहा कि पूरे देश में सभी राज्य तत्काल प्रभाव के साथ मोटर वाहन अधिनियम को लागू करें, उन्होंने चिंता जताते हुए कहा की सड़क दुर्घटनाएं और उसमें पीड़ित परिवारों की व्यथा से वह बहुत चिंतित है। नितिन गडकरी ने कहा कि सड़क दुर्घटना कम हो, इसके लिए केंद्र और राज्य सरकार मिलकर प्रभावी योजना बनाकर काम करें ताकि लोगों के परिवार को उजड़ने से बचाया जा सके।
दिल्ली पुलिस के ज्वाइंट पुलिस कमिश्नर आलोक कुमार रोड सेफ्टी जागरूकता पर काफी काम करते हैं। उनका कहना है कि अगर सड़क सुरक्षा की दिशा में हर व्यक्ति जागरूक हो जाए तो न सिर्फ दुर्घटनाओं में कमी आएगी बल्कि दुर्घटनाओं से पीड़ित परिवार के लोग हैं उन्हें भी परेशानियों का सामना नहीं करना पड़ेगा।
आलोक कुमार का कहना है कि इसकी जिम्मेदारी पुलिस प्रशासन से लेकर आम जनमानस की भी है। क्योंकि दुर्घटना से पीड़ित का परिवार प्रभावित होता है। विश्व बैंक की इस रिपोर्ट से जो तथ्य सामने आए हैं उसे लेकर हमें चिंतित होने के साथ ज्यादा जागरूक होना चाहिए और उसी दिशा में सुधार किया जाना चाहिए।