सचिन पायलट समेत 18 विधायकों की विधायकी खत्म कराने का दांव चला CM अशोक गहलोत ने

राजस्थान में चल रहा सियासी उठापटक खत्म होने का नाम नहीं ले रहा है. मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने सचिन पायलट को प्रदेश अध्यक्ष पद और डिप्टी सीएम की कुर्सी मुक्त करने के बाद अब उनकी विधायकी को खत्म कराने का दांव चला है.

विधानसभा अध्यक्ष सीपी जोशी ने सचिन पायलट और उनके 18 समर्थक विधायकों को नोटिस भेजकर दो दिन में जवाब मांगा है. ऐसे में पायलट खेमा अपनी विधायकी को बचाए रखने के लिए हाईकोर्ट की शरण में पहुंच गया है. ऐसे में सवाल उठता है कि आखिर पायलट समर्थकों की सदस्यता को गहलोत क्यों खत्म कराना चाहते हैं.

सचिन पायलट के बगावत के बाद मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने 109 विधायकों का समर्थन जुटाकर फिलहाल सरकार बचा ली है, लेकिन सरकार पर छाए संकट के बादल खत्म नहीं हुए हैं. ऐसे में सीएम गहलोत अपनी सरकार को पांच साल तक के लिए पूरी तरह सेफ रखना चाहते हैं.

ऐसे उनकी सरकार की राह में आने वाली सारी मुश्किलों का हल कर लेना चाहते हैं. सचिन पायलट और उनके समर्थकों के विधानसभा सदस्य रहते हुए गहलोत के लिए पांच साल सरकार चलाना आसान नहीं है. इसीलिए गहलोत अपने रास्ते में आने वाले सारे कील-कांटे को बाहर निकाल फेंकना चाहते हैं.

सचिन पायलट के साफ 22 विधायक हैं, जिनमें 19 कांग्रेस के और 3 निर्दलीय हैं. इतने विधायकों के जरिए पायलट भले ही गहलोत सरकार को सत्ता से बेदखल न कर सकें, लेकिन परेशान और सरकार अस्थिर जरूर कर सकते हैं.

ऐसे में सीएम गहलोत अपनी सरकार को मजबूत रखने के लिए नया दांव चला है. कांग्रेस की शिकायत पर एक तरफ विधानसभा अध्यक्ष सीपी जोशी ने सचिन पायलट और उनके 18 समर्थक विधायकों को नोटिस भेजकर शुक्रवार दोपहर तक जवाब मांगा है. ऐसे में पायलट खेमा स्पीकर के सामने पेश होकर जवाब नहीं देते हैं तो उनकी सदस्यता खत्म हो जाएगी.

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