संयुक्त राष्ट्र महासभा में इस देश के राष्ट्रपति ने की ट्रंप के खिलाफ आपराधिक जांच की मांग की

कोलंबियाई राष्ट्रपति ने अमेरिका की तरफ से कैरिबियाई सागर में तीन हमलों की निंदा करते हुए कहा कि इन नावों पर सवार लोग वेनेज़ुएला के ट्रेन डे अरागुआ गिरोह से जुड़े नहीं थे, जैसा कि ट्रंप प्रशासन ने दावा किया था।

कोलंबिया के राष्ट्रपति गुस्तावो पेट्रो ने मंगलवार को संयुक्त राष्ट्र महासभा की वार्षिक बैठक में भाषण देते हुए अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप और अन्य अधिकारियों के खिलाफ आपराधिक जांच की मांग कर दी। पेट्रो ने यह मांग इस महीने कैरेबियाई सागर में नावों पर हुए अमेरिकी हमलों के बाद उठाई, जिनमें कई लोगों की मौत हुई थी। बता दें कि अमेरिका ने इन हमलों को लेकर दावा किया था कि उसके निशाने पर मादक पदार्थ ले जा रहे तस्कर गिरोह थे और नावों के जरिए तस्करी ही हो रही थी।

अमेरिकी अधिकारियों के मुताबिक, दो सितंबर को हुए पहले हमले में 11 लोग मारे गए थे। इसके बाद 16 सितंबर को दूसरे हमले में तीन लोगों की मौत हुई और फिर शुक्रवार को तीसरे हमले में भी तीन लोगों की जान गई। अमेरिका ने इन सभी नावों में ड्रग्स होने की बात कही थी।

क्या बोले कोलंबिया के राष्ट्रपति?
कोलंबियाई राष्ट्रपति ने अमेरिका की तरफ से कैरिबियाई सागर में तीन हमलों की निंदा करते हुए कहा कि इन नावों पर सवार लोग वेनेज़ुएला के ट्रेन डे अरागुआ गिरोह से जुड़े नहीं थे, जैसा कि ट्रंप प्रशासन ने दावा किया था। उन्होंने कहा, “आपराधिक कार्रवाई उन अधिकारियों पर शुरू होनी चाहिए, चाहे वह आदेश देने वाला सबसे ऊंचा पदाधिकारी ही क्यों न हो- यानी राष्ट्रपति ट्रंप।”

पेट्रो ने अमेरिका के मादक पदार्थ ले जा रही नावों को निशाना बनाने का दावा भी खारिज कर दिया। उन्होंने कहा कि इन नावों में सवार यात्री महज गरीब लातिन अमेरिकी युवा थे, जिनके पास कोई दूसरा विकल्प नहीं था। पेट्रो ने महासभा में कहा, “उन्होंने (अमेरिका ने) कहा कि कैरेबियन में मिसाइलों का इस्तेमाल ड्रग तस्करी रोकने के लिए किया गया। यह एक झूठ है। क्या वास्तव में निहत्थे, गरीब युवाओं पर बम बरसाना जरूरी था?”


वेनेजुएला के राष्ट्रपति भी कर चुके हैं अमेरिका की आलोचना
दूसरी तरफ वेनेजुएला के राष्ट्रपति निकोलस मादुरो ने भी कहा कि उनकी सरकार अमेरिकी हमलों से निपटने के लिए संवैधानिक आदेश जारी करने की तैयारी कर रही है। मादुरो ने आरोप लगाया कि अमेरिका मादक पदार्थ तस्करी का बहाना बनाकर सैन्य कार्रवाई कर रहा है, ताकि उनकी सरकार को गिराया जा सके।

अमेरिका ने अब तक नहीं दिए नावों में नशीले पदार्थ होने से जुड़े सबूत
दूसरी तरफ अमेरिकी प्रशासन का कहना है कि यह कार्रवाई मादक पदार्थों की तस्करी रोकने के लिए जरूरी थी। हालांकि, अभी तक यह स्पष्ट नहीं किया गया है कि अमेरिका ने नावों में लदे कार्गो का आकलन कैसे किया और यात्रियों को गैंग से जुड़ा हुआ कैसे घोषित किया।

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