संयुक्त राष्ट्र की वर्चुअल बैठक भारत ने पाकिस्तान को दुनिया के आगे बेनकाब किया

कोरोना वायरस संकट के बीच आतंकवाद को संरक्षण देने और आतंकियों के लिए पनाहगाह बनने के लिए भारत ने एक बार फिर पाकिस्तान को दुनिया के आगे बेनकाब किया है। संयुक्त राष्ट्र की एक वर्चुअल बैठक में भारत ने पड़ोसी मुल्क को आतंकवाद के मुद्दे पर घेरा और जमकर खरी-खोटी सुनाई।

भारत ने कहा कि, दुनिया जानती है कि आतंकवादियों के लिए सबसे ज्यादा सुरक्षित पनाहगाह कौन सा मुल्क है। पाकिस्तान को आत्मविश्लेषण करने की जरूरत है, ताकि वह ये जान सके कि इसे आतंकवाद का अंतरराष्ट्रीय उपकेंद्र और आतंकवादियों का सबसे सुरक्षित पनाहगाह क्यों कहा जाता है।

मंगलवार को आयोजित हुई संयुक्त राष्ट्र की ‘वर्चुअल काउंटर टेररिज्म वीक’ में भारतीय प्रतिनिधिमंडल ने भाग लिया। भारतीय प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व विदेश मंत्रालय में संयुक्त सचिव महावीर सिंघवी कर रहे थे।

सिंघवी ने पाकिस्तान को लताड़ लगाते हुए कहा, वर्तमान समय में दुनिया कोरोना वायरस महामारी से जूझ रही है, दुनियाभर के देश इस वायरस से निपटने के लिए साथ आ रहे हैं। लेकिन पाकिस्तान ने सीमा पर आतंकवाद को प्रायोजित करना जारी रखा है। यह बेहद दुख की बात है।

उन्होंने कहा कि पाकिस्तान संकट की इस घड़ी में भी आतंकी गतिविधियों को अंजाम देने के लिए हर मौके का फायदा उठाने की कोशिश कर रहा है।

इस्लामाबाद की तरफ से लगातार नई दिल्ली पर बेबुनियादी और दुर्भावनापूर्ण आरोप लगाए जाते हैं। साथ ही इस्लामाबाद हमारे आंतरिक मामलों में हस्तक्षेप करता है, जो एक जिम्मेदार देश द्वारा कभी नहीं किया जाता है।

 
भारत ने यह बयान ‘वैश्विक आतंकवाद की चुनौती: कोरोना काल में हिंसात्मक अतिवाद, हेट स्पीच के बढ़ते जोखिम के आकलन’ विषय के दौरान दिया। भारत ने अंतरराष्ट्रीय बिरादरी से कहा कि वो पाकिस्तान को अपने यहां संचालित होने वाली आतंकी गतिविधियों पर रोक लगाने को कहें।

भारत ने इस बैठक में काबुल में भारतीय मिशन पर हुए आंतकी हमले, 2008 के मुंबई हमले, 2016 के पठानकोट हमले, उरी और पुलवामा हमले में पाकिस्तान की भूमिका को लेकर उसे घेरा। साथ ही अलकायदा के मुखिया रहे और अमेरिका पर हुए 9/11 हमले के मास्टरमाइंड ओसामा बिन लादेन को पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान द्वारा शहीद करार देने पर भी पाकिस्तान को खरी खोटी सुनाई।

भारतीय अधिकारी ने बलूचिस्तान, खैबर-पख्तूनख्वा और पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर में मानवाधिकारों के उल्लंघन और धार्मिक और सांस्कृतिक अल्पसंख्यकों के खिलाफ भेदभाव की भी आलोचना की।

बता दें कि, पाकिस्तान के प्रधानमंत्री सार्वजनिक रूप से इस बात को स्वीकार चुके हैं कि उनके देश में 40,000 आतंकी मौजूद हैं। इसके अलावा संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद की विश्लेषणात्मक सहायता और प्रतिबंधों की निगरानी टीम की हालिया रिपोर्ट में बताया गया है कि लश्कर और जैश से जुड़े लगभग 6,500 पाकिस्तानी आतंकवादी अफगानिस्तान में सक्रिय हैं।

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