संघ की आगामी योजना दो बच्चों का कानून है: सर संघचालक डा. मोहन राव भागवत

चार दिन के प्रवास पर बुधवार रात मुरादाबाद पहुंचे राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के सर संघचालक डा. मोहन राव भागवत ने गुरुवार को जिज्ञासा सत्र में स्वयंसेवकों के प्रश्नों का उत्तर देते हुए कहा कि संघ की आगामी योजना दो बच्चों का कानून है।

उन्होंने कहा कि ऐसा संघ का मत है। इस पर फैसला सरकार को लेना है। राममंदिर मुद्दे पर उन्होंने कहा कि संघ की भूमिका इस प्रकरण में सिर्फ ट्रस्ट निर्माण होने तक है। इसके बाद संघ खुद को इससे अलग कर लेगा। एक प्रश्न के उत्तर में संघ प्रमुख ने कहा कि काशी-मथुरा संघ के एजेंडे में न तो कभी थे और न ही कभी होंगे।

मुरादाबाद स्थित एमआईटी के सभागार में जिज्ञासा सत्र के दौरान भागवत स्वयंसेवकों के प्रश्नों का उत्तर दे रहे थे। जिज्ञासा सत्र में संघ की क्षेत्रीय कार्यकारिणी के चुनिंदा 40 पदाधिकारी उपस्थित थे। संघ के भरोसेमंद सूत्रों का कहना है कि एक स्वयंसेवक ने जब संघ प्रमुख से पूछा कि राममंदिर का मुद्दा सुप्रीम कोर्ट से हल हो चुका है, अब इसमें संघ की क्या भूमिका होगी।

भागवत ने उत्तर में कहा कि मंदिर निर्माण के लिए ट्रस्ट निर्माण होते ही संघ का काम पूरा हो जाएगा और संघ खुद इससे अलग कर लेगा। एक स्वयंसेवक ने पूछा कि क्या अयोध्या के बाद अब संघ काशी और मथुरा का मुद्दा उठाएगा तो संघ प्रमुख ने स्पष्ट इंकार कर दिया। उन्होंने कहा कि काशी और मथुरा का मुद्दा न तो कभी संघ के एजेंडे में था और न ही कभी भविष्य में होगा।

संघ की आगामी योजना की बाबत पूछे प्रश्न पर सर संघचालक ने कहा कि संघ का मत है कि दो बच्चों का कानून होना चाहिए, लेकिन इस पर फैसला सरकार को लेना है।

नागरिकता संशोधन कानून की बाबत पूछे प्रश्न पर उन्होंने स्वयंसेवकों को उत्तर दिया कि सीएए पर पीछे हटने का प्रश्न ही नहीं है। उन्होंने कहा कि चाहे अनुच्छेद 370 हटाने का फैसला हो या फिर सीएए लागू करने का, इन सभी पर संघ पूरी तरह सरकार के फैसले के साथ खड़ा है। उन्होंने स्वयंसेवकों से कहा कि वह जागरूकता अभियान चलाकर इसके लिए लोगों को जागरूक करें।

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