नेपाल के विदेश मंत्री प्रदीप कुमार ग्यावली ने गलवान घाटी में हिंसक झड़प की घटना को लेकर कहा है कि भारत और चीन के संबंधों का निश्चित रूप से इस क्षेत्र पर असर पड़ेगा. उन्होंने साल 2014 के बाद से पांच साल को भारत-चीन साझेदारी के लिए महत्वपूर्ण बताया और कहा कि वुहान शिखर सम्मेलन के बाद यह साझेदारी और गहरी होती गई, लेकिन गलवान घाटी की घटना के बाद तनाव है.

नेपाल के विदेश मंत्री ने शुक्रवार को कहा कि दोनों ही देश तनाव को कम करने की कोशिश कर रहे हैं, लेकिन चुनौतियां हैं. उन्होंने कहा कि चीन का उदय और भारत की आकांक्षा का उदय, वे किस तरह से जुड़ते हैं और कैसे अपने मतभेद दूर करते हैं? निश्चित रूप से यह एशिया और इस क्षेत्र के भविष्य को आकार देगा.
प्रदीप कुमार ग्यावली ने कहा है कि नेपाल, चीन के साथ बीआरआई का हिस्सा है और यह भी चाहता है कि भारत भी यहां निवेश करे. हम चाहते हैं कि दोनों देश नेपाल में निवेश करें, इससे दोनों देशों को लाभ होना चाहिए.
उन्होंने कोरोना वायरस की महामारी को लेकर भी बात की और कहा कि महामारी का राजनीतिकरण नहीं किया जाना चाहिए. इसके लिए किसी जातीयता को दोष नहीं दिया जाना चाहिए.
नेपाल के विदेश मंत्री ने कहा कि एकबार फिर से बहुपक्षीय सहयोग की प्रासंगिकता साबित हुई है. इसने हमारा आह्वान किया है कि उन्नत सहयोग विकसित किया जाए. उन्होंने कहा कि राष्ट्रों का समूह एक तरकीब है. हम इसमें शामिल हुए, अपने विचार साझा किए.
यह एकजुटता की भावना उत्पन्न करता है. नेपाली विदेश मंत्री ने गुटनिरपेक्षता को अब भी प्रासंगिक बताया और कहा कि आज जब वैश्विक प्रतिस्पर्धा का दौर है, यह और भी प्रासंगिक हो जाता है.
केपी शर्मा ओली सरकार के विदेश मंत्री प्रदीप कुमार ग्यावली ने साथ ही यह भी जोड़ा कि नेपाल के लिए गुटनिरपेक्षता हमेशा सार्थक रहेगा. उन्होंने कहा कि हमें किसी भी रणनीतिक गठजोड़ में शामिल होने से बचना चाहिए. ग्यावली ने कहा कि संकीर्ण राष्ट्रवादी संरक्षणवाद की कुछ प्रवृत्तियां विश्व व्यापार में तनाव उत्पन्न कर रही हैं. अमेरिका की यूरोप और मेक्सिको के साथ कई समस्याएं हैं. राष्ट्रवादी विचारों से कई चुनौतियां आई हैं.
Live Halchal Latest News, Updated News, Hindi News Portal