मुख्यमंत्री भगवंत मान ने आरोप लगाए हैं कि भाजपा पंजाब में विशेष शिविर के नाम पर लोगों के डाटा चोरी कर रही है। यह भी एक बड़ी साजिश है जिसके जरिये बाद में पंजाब के वोट काटे जाएंगे।
पंजाब में आठ लाख राशन कार्ड काटने को लेकर पंजाब सरकार ने केंद्र सरकार आरोप लगाए हैं। मुख्यमंत्री भगवंत मान ने आरोप लगाए कि केंद्र ने पंजाब के 802493 राश कार्ड काटने की साजिश रची है। इससे राज्य के 32 लाख लोगों को राशन नहीं मिल पाएगा। ऐसे में पंजाब और केंद्र की भाजपा सरकार के बीच तकरार बढ़ गई है।
सीएम के आरोपों पर केंद्रीय मंत्री प्रह्लाद जोशी ने पलटवार किया है। केंद्रीय मंत्री प्रह्लाद जोशी ने मुख्यमंत्री भगवंत मान के बयानों पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि मान को सही तथ्य पेश करने चाहिए। केंद्र ने सिर्फ अयोग्य लाभार्थियों की पहचान करने के लिए बोला है। पंजाब सरकार अपना काम नहीं कर रही। अयोग्य लाभार्थियों पहचान करने के बजाए उनको समर्थन कर रही है।
जोशी ने कहा कि सबसे पहले लाभार्थियों की अनिवार्य ई केवाईसी का निर्देश सुप्रीम कोर्ट ने दिया है। केंद्र सरकार केवल राज्यों को इसे लागू करने के लिए कह रही है। पंजाब सरकार को यह प्रक्रिया पूरी करने के लिए तीन बार अतिरिक्त समय दिया जा चुका है। पंजाब में राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम के तहत 1.41 करोड़ लाभार्थी हैं। इस अधिनियम के अनुसार पात्र लाभार्थियों की पहचान करना राज्य सरकार की जिम्मेदारी है। इसमें केंद्र सरकार की कोई भूमिका नहीं है।
केंद्रीय मंत्री ने स्पष्ट किया कि केंद्र सरकार ने मंजूर किए गए 1.41 करोड़ लाभार्थियों में से किसी को भी नहीं हटाया है। केंद्र केवल राज्य सरकार से यह सुनिश्चित करने के लिए कह रहा है कि लाभार्थियों की पुनः जांच की जाए। इसके लिए केंद्र ने विभिन्न स्रोतों से जुटाए गए डेटा पॉइंट्स पंजाब सरकार को दिए हैं। इसका उद्देश्य यह है कि अगर कोई योग्य लाभार्थी अब तक योजना से वंचित है तो उसे जोड़ा जा सके।
जोशी ने दोहराया कि पंजाब के 1.41 करोड़ लाभार्थियों को मुफ्त अनाज मिलेगा। इसमें एक भी संख्या की कमी नहीं होगी। केंद्रीय मंत्री ने यह भी कहा कि राज्य सरकारों को अवैध लाभार्थियों को हटाने का अधिकार दिया गया है और केंद्र सरकार इस प्रक्रिया में डेटा उपलब्ध कराकर मदद कर रही है। उन्होंने आरोप लगाया कि अवैध लाभार्थियों की पहचान करने के बजाय मान जी लॉबी के दबाव में आकर इन्हें जारी रखने की कोशिश कर रहे हैं।