श्री ओंकारेश्वर,शिव का अद्भुत धाम…..

सौराष्ट्रे सोमनाथं,श्री शैले मल्लिकार्जुनम्, उज्जैनियाम् महाकालम् ओंकारेश्वरम् मल्लेश्वरम्। 

जी हां बारह ज्योर्तिलिंग इस धरा धाम पर हैं जो कि परम पिता शिव के साक्षात् स्वरूप हैं। इन बारह लिंगों में भगवान शिव साक्षात् शक्ति स्वरूप ज्योति के रूप में प्रतिष्ठापित हैं। भगवान शिव के ये ज्योर्तिलिंग अनादिकाल से आस्था का केंद्र हैं। भगवान के इन ज्योर्तिलिंगों में श्री ओंकारेश्वर सबसे प्रमुख हैं।

ओंकारेश्वर ज्योर्तिलिंग नर्मदा नदी के तट पर प्रतिष्ठापित साक्षात् ज्योर्तिलिंग है। दरअसल इस क्षेत्र में नदी की जलधारा ऊंकार का आकार बनाती है। जिसकारण इस ज्योर्तिलिंग को ओंकारेश्वर कहा गया है। स्कन्द पुराण के रेवा खण्ड में श्री ओंकारेश्वर की महिमा का वर्णन है। यह क्षेत्र बहुत ही पवित्र है। मध्यप्रदेश के खंडवा जिले में प्रतिष्ठापित यह ज्योर्तिलिंग प्रकृति की सुंदर छटा बिखेरता है। यह ज्योर्तिलिंग धाम शिवपुरी भी कहलाता है। यह परमेश्वर का साक्षात् प्रतिबिंब है।

भगवान श्री शिव यहां ज्योर्तिस्वरूप में प्राण प्रतिष्ठापित हैं। भगवान शिव के इस धाम में श्रावण मास, महाशिवरात्रि, नागपंचमी, सोमवार आदि अवसरों पर श्रद्धालुओं का तांता लगा रहता है। कहा जाता है कि श्री महाकालेश्वर के बाद मध्यप्रदेश में श्री ओंकारेश्वर की कीर्ती सबसे अधिक है। यहां दर्शन करने वाले के सारे पाप नष्ट होते हैं और हर मनोकामना पूर्ण होती है।

Powered by themekiller.com anime4online.com animextoon.com apk4phone.com tengag.com moviekillers.com