श्राद के दिनों में ग्रहों की शांति के लिए दान-पुण्य और पूजा पाठ किए जाते हैं, ताकि हम पर पूर्वजों का आशीर्वाद बना रहे। इस बार पितृपक्ष 13 सितंबर से शुरू हो रहा है जो 28 सितंबर तक चलेगा। इस दौरान कुल 16 श्राद्ध किए जाएंगे। पितृपक्ष और पिंडदान के समय थोड़ी सी लापरवाही आपके पूरे दान-पुण्य पर पानी फेर सकती है।

ध्यान रखने वाली 5 जरूरी बातें:
# पितृपक्ष में अगर कोई भी आपसे खाना या पानी मांगने आए तो उसे कभी भी खाली हाथ ना लौटाएं. मान्यता है कि हमारे पितर यानी पूर्वज अन्न- जल के लिए किसी भी रूप में हमारे बीच आ सकते हैं।
# किसी भी पक्षी या जानवर खासतौर पर गाय, कुत्ता, बिल्ली, कौए को श्राद्ध पक्ष में नहीं मारना चाहिए। जानवरों की भी सेवा करनी चाहिए। उन्हें भोजन कराएं और पानी पिलाएं।
# पितृपक्ष के दौरान खान-पान बिल्कुल साधारण होना चाहिए। मांस, मछली, अंडे का सेवन नहीं करना चाहिए। भोजन बिल्कुल सादा होना चाहिए यानी खाने में प्याज और लहसुन का भी इस्तेमाल ना करें।
# इन दिनों स्त्री पुरुष को संबंध बनाने से बचना चाहिए। परिवार में शांति बनाए रखें और भोग- विलास की चीजों से बचें। इन दिनों आपका पूरा ध्यान सिर्फ पूर्वजों की सेवा में होना चाहिए।
# कोई भी नया काम इन दिनों में शुरू नहीं करना चाहिए। श्राद्ध पक्ष में शोक व्यक्त कर पितरों को याद किया जाता है। इसलिए इन दिनों में किसी भी जश्न और त्यौहार का आयोजन न करें।
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