भारतीय तटरक्षक ने सेवा में ज्यादा महिला अधिकारियों को शामिल करने की प्रतिबद्धता जताई। भारतीय तटरक्षक ने सुप्रीम कोर्ट में कहा कि शॉर्ट सर्विस कमीशन (एसएससी) अधिकारियों से संबंधित वर्तमान भर्ती नियम के तहत वे स्थायी कमीशन की मांग नहीं कर सकती हैं। भारतीय तटरक्षक बल ने एक महिला अधिकारी द्वारा स्थायी कमीशन की मांग संबंधी याचिका के जवाब में दाखिल हलफनामे में यह बात कही है।
भारतीय तटरक्षक ने सेवा में ज्यादा महिला अधिकारियों को शामिल करने की प्रतिबद्धता जताते हुए सुप्रीम कोर्ट को बताया है कि शॉर्ट सर्विस कमीशन (एसएससी) अधिकारियों से संबंधित वर्तमान भर्ती नियम के तहत वे स्थायी कमीशन की मांग नहीं कर सकती हैं।
महिलाओं को तटरक्षक बल में स्थायी कमीशन दिया जाए: कोर्ट
भारतीय तटरक्षक बल ने एक महिला अधिकारी द्वारा स्थायी कमीशन की मांग संबंधी याचिका के जवाब में दाखिल हलफनामे में यह बात कही है। प्रधान न्यायाधीश डीवाई चंद्रचूड़ की अध्यक्षता वाली पीठ ने हाल में केंद्र से यह सुनिश्चित करने के लिए कहा था कि महिलाओं को तटरक्षक बल में स्थायी कमीशन दिया जाए।
तटरक्षक मुख्य रूप से समुद्री सेवा
तटरक्षक के उप महानिरीक्षक राजकमल सिन्हा द्वारा दाखिल हलफनामे में कहा गया, (तटरक्षक के) भर्ती नियम में कहा गया है कि महिला अधिकारियों के पास भविष्य में स्थायी प्रवेश योजना में जाने का विकल्प नहीं होगा। इस मामले में याचिकाकर्ता सहित चयनित उम्मीदवारों को दिए गए नियुक्ति पत्र में भी इसका उल्लेख किया गया था। हलफनामे के अनुसार, तटरक्षक मुख्य रूप से समुद्री सेवा है।
इसमें 66 प्रतिशत कर्मियों को तैरती इकाइयों को चलाने के लिए मंजूरी दी गई है और केवल 33 प्रतिशत कर्मियों को तट संबंधी इकाइयों के संचालन के लिए मंजूरी दी गई है। स्थायी प्रवेश को लेकर महिला अधिकारियों के लिए केवल 10 प्रतिशत नियुक्तियों पर विचार किया गया। उस समय माना जाता था कि जहाजों को महिलाओं के ठहरने और सुविधा के हिसाब से डिजाइन नहीं किया गया है।
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