सूर्य ग्रहण के समाप्त होने के बाद यहां के ऐतिहासिक मोहन राम मंदिर के मुख्य पुजारी ने अपने सिर के बाल बनवाए यानी मुंडन करवाया।
मंदिर के सभी पुजारियों ने भी बारी-बारी से मुंडन कराया इसके बाद मंदिर की धुलाई की गई। बाद में पूजा आरती की जाएगी मंदिर के पुजारी पंडित लव कुश शास्त्री ने बताया है कि कई वर्षों के बाद इस तरह का सूर्य ग्रहण पड़ा है।
मोहन राम मंदिर के पुजारी पंडित कामता प्रसाद शास्त्री का कहना है कि हम सब सूर्य भगवान के अंश हैं। सूर्य ग्रहण के दौरान राहु की छाया सूर्य पर पड़ती है और माना जाता है कि सूर्य पर संकट आया है।
जब सूर्य ग्रहण समाप्त हो जाता है तब मंदिर के पुजारी बाल बनवाते हैं यानी मुंडन कराते हैं क्योंकि बालों को अशुद्ध माना जाता है।
मुंडन कराने के बाद मंदिर की धुलाई करते हैं फिर उसके बाद भगवान का जलाभिषेक होता है। नए कपड़े पहने जाते हैं फिर विधि विधान से आरती होती है। इसके बाद माना जाता है कि अब सब कुछ ठीक हो गया है।
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