शुक्राणुओं को स्वस्थ कर रहा है योग, गूंज रही किलकारियां

बढ़ती उम्र, बदली जीवनशैली, तनाव समेत दूसरे विकारों से जिन दंपतियों के संतान नहीं है, योग की मदद से उनके घरों में किलकारियां गूंजी हैं।

निसंतान दंपती की जिंदगी में योग खुशखबरी ला सकता है। बढ़ती उम्र, बदली जीवनशैली, तनाव समेत दूसरे विकारों से जिन दंपतियों के संतान नहीं है, योग की मदद से उनके घरों में किलकारियां गूंजी हैं। साथ ही बच्चे में होने वाले आनुवंशिक विकार भी कम हुए हैं। इसका खुलासा एम्स के एक अध्ययन में हुआ है।

दरअसल, एम्स के स्त्री एवं प्रसूति रोग विभाग में 239 महिलाएं मां न बन पाने या बार-बार गर्भपात होने का इलाज करवाने आई। विभाग ने इनकी जांच की, लेकिन विकारों की कोई ठोस वजह पता नहीं चल सकी। महिलाएं हर पैरामीटर पर स्वस्थ थीं। इसके बाद सभी महिलाओं को एम्स के ही शरीर रचना विभाग में आगे की जांच के लिए भेजा गया। इस विभाग ने नए सिरे से महिलाओं की जांच की। साथ में उनके पति के स्पर्म जीनोमिक इंटीग्रिटी, स्पर्म के डीएनए की गुणवत्ता, जीन एक्सप्रेशन, टेलोमेयर की लंबाई, स्पर्म काउंट, तनाव सहित दूसरी कई जांचें भी कीं।

विभाग की प्रोफेसर डॉ. रीमा दादा ने बताया कि जांच के नतीजों के आधार पर 60 दंपती योग के अध्ययन में शामिल किए गए। इनमें पतियों को डॉक्टरों की निगरानी में छह सप्ताह तक रोजाना दो घंटे योग करवाया गया। सत्र पूरा होने के बाद पुरुषों की फिर से जांच की गई। नतीजा काफी सकारात्मक रहा। सभी पतियों के स्पर्म के डीएनए की गुणवत्ता पहले से बेहतर हुई। वहीं, इनका आरएनए एक्सप्रेशन स्तर भी सामान्य हुआ। इसके अलावा डीएनए के खराब होने की दर भी घटी और इसके एक्सप्रेशंस और टेलोमीयर लंबाई में सुधार आया। इसके बाद इन पुरुषों की पत्नी आसानी से गर्भधारण कर पाई।

जांच के बाद किया गया योग करवाने का फैसला
डॉक्टरों की मानें तो इस अध्ययन में गर्भधारण न कर पाने, गर्भपात होने, भ्रूण के खराब होने सहित अन्य के मामले में महिलाओं की जांच की गई। जांच में पाया गया कि महिलाएं ठीक हैं। इसके बाद पुरुषों की जांच हुई। जांच के बाद इन्हें योग करवाने का फैसला लिया। योग करवाने के बाद परिणाम बेहतर आए। इसमें योगासन, प्राणायाम और ध्यान क्रियाएं, सूर्य नमस्कार सहित अन्य आसान शामिल थे। इनकी मदद से न केवल तनाव का स्तर घटा बल्कि डीएनए की गुणवत्ता में सुधार आया।

बच्चा न होने में पिता भी हो सकते हैं कारण
विशेषज्ञ बताते हैं कि पिता न बन पाने के पीछे केवल महिलाएं ही नहीं, पुरुष भी कारण हो सकते हैं। यदि किसी कारण से बच्चे नहीं हो रहे तो दंपती को पूरी जांच करवानी चाहिए। जांच के बाद डॉक्टरों की सलाह पर दंपती आसानी से बच्चे पैदा कर सकते हैं।

शाेध में करवाए गए योग

  • प्राणायाम
  • सूर्य नमस्कार
  • चक्रासन
  • सेतु बंधासन
  • हलासन
  • धनुरासन
  • वज्रासन
  • पादहस्तासन
  • नौकासन

(नोट: विशेषज्ञ डॉक्टरों की देखरेख में ही संभव।)

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