ये हैं शिरडी के साईंबाबा की मूर्ति से जुड़ा एक रहस्यमयी राज, जानकर आपके उड़ जायेंगे होश

ये हैं शिरडी के साईंबाबा की मूर्ति से जुड़ा एक रहस्यमयी राज, जानकर आपके उड़ जायेंगे होश

एक ओर जहां साईं बाबा के प्रति लोगों की आस्था बढ़ रही है, वहीं इसके साथ एक विवाद भी सालों से चला आ रहा है कि साईं वाकयी ईश्वर थे या नहीं? खास बात ये है कि साईं बाबा की पूजा-अर्चना सिर्फ भारत ही नहीं, आज पूरी दुनिया में होती है और उनके चमत्कारों का गुणगान भी किया जाता है।ये हैं शिरडी के साईंबाबा की मूर्ति से जुड़ा एक रहस्यमयी राज, जानकर आपके उड़ जायेंगे होश जी हां, तभी शिरडी में साईं के दरबार में विदेशी सैलानी भी आते हैं। साईं बाबा के बारे में कहा जाता है कि उनका जन्म हुआ था। वे साधारण लोगों के बीच रहकर ही साधारण जीवन जीना पसंद करते थे। यह भी कहा जाता है कि उन्होंने समाधि ली थी। सबसे खास बात है कि शिरडी के साईं बाबा को छोड़ दें, तो इसके अलावा जहां-जहां भी साईं बाबा के मंदिर बने हैं, वहां उनकी मूर्ति एक ही छवि वाली है।

वह भी संगमरमर की मूर्ति। मान्यता है कि साईं के इस आसन वाली मूर्ति को शिरडी में ही बनाया गया था, जहां उन्होंने अपनी समाधि ली थी। इस मूर्ति की पूजा साल 1954 से लगातार की जा रही है ऐसी मूर्ति के पीछे एक गहरा राज भी छुपा है, जिसके बारे में उनके भक्तों को शायद ही पता हो।

दरअसल, लोगों का मानना है कि साईं अपने भक्तों के कष्टों को दूर करने के लिए खुद आते हैं। एक घटना खुद साईं बाबा की यह मूर्ति बनाने वाले शिल्पकार से जुड़ी है। इसके बारे में जानकर आपको भी हैरानी होगी। जी हां, जिस शिल्पकार को साईं बाबा की मूर्ति बनाने के लिए कहा गया, उसके सामने सबसे बड़ी मुश्किल यह थी कि वो मूर्ति को किस तरह की बनाए। ऐसी दुविधा में उससे कहा गया कि वो साईं बाबा को याद करके मूर्ति बनाए।

मूर्ति बनाते समय जब उसे कुछ समझ नहीं आ रहा था, तब वो निराश होकर बैठ गया और कहने लगा कि बाबा मुझे इतनी शक्ति दीजिए कि मैं ऐसी प्रतिमा बनाऊं, जो मनमोहक हो। इसके बाद साईं बाबा ने खुद दर्शन दिए और जिसके बाद ये आसन वाली मूर्ति बनी। साईं बाबा की मूर्ति बनाने वाले का नाम वसंत तालीम है। मूर्ति से जुड़ी एक रहस्यमयी जानकारी यह है कि कोई आज तक कोई नहीं जानता कि साईं बाबा की मूर्ति बनाने के लिए यह पत्थर किसने भेजा था सिवाए इसके कि यह इटली से आया था।

जी हां यह घटना 1954 की बताई जाती है। साईं बाबा की मूर्ति को बनाने के लिए मुंबई के बंदरगाह पर इटली से मार्बल आया था। मार्बल पर सिर्फ इटली लिखा था इससे पता चला कि वो वहां से आया है।

वैसे तो इसके बाद इस आसन वाली अब तक लाखों-करोड़ों मूर्तियां बन चुकी हैं, लेकिन शिरडी में विराजी मूर्ति की बात ही अलग है। इस मूर्ति की खासियत यह है कि जब आप साईं बाबा की ओर गौर से देखेंगे, तो लगता है कि वे हमें देख रहे हैं।

Powered by themekiller.com anime4online.com animextoon.com apk4phone.com tengag.com moviekillers.com