अंडरवर्ल्ड डॉन दाऊद इब्राहिम अपनी धमकाने की आदतों से बाज नहीं आ रहा. इस बार उसने शिया सेंट्रल बोर्ड के अध्यक्ष वसीम रिजवी को धमकी दी है. वसीम रिजवी को यह धमकी मदरसा शिक्षा की आलोचना करने को लेकर दी गई है.वसीम रिजवी ने पुलिस में इसकी शिकायत दर्ज कराई है. उन्होंने दाऊद इब्राहिम के खिलाफ नामजद रिपोर्ट दर्ज कराई है. रिजवी के मुताबिक, उन्हें शनिवार देर रात फोन पर यह धमकी मिली. फोन करने वाले अज्ञात व्यक्ति ने खुद को ‘डी कंपनी’ का आदमी बताया और ‘भाई’ के नाम से धमकी दी.
रिजवी के मुताबिक, उन्हें नेपाल से दाऊद इब्राहिम के किसी गुर्गे ने फोन किया और मदरसों के मामले में चल रहे विवाद के क्रम में दाऊद का मैसेज देते हुए धमकाया. रिजवी ने बताया कि दाऊद के हवाले से उन्हें धमकी दी गई कि वह फौरन मौलानाओं से माफी मांगें, नहीं तो उन्हें और उनके परिवार को धमाके से उड़ा दिया जाएगा.
रिजवी ने कहा कि इससे यह बिल्कुल साबित हो गया है कि कुछ कट्टरपंथी मुल्लाओं के तार सीधे दाऊद इब्राहिम तक से जुड़े हुए हैं. कुछ कट्टरपंथी मुल्लाओं के मदरसों से दाऊद इब्राहिम तक के संबंध हैं. रिजवी ने बताया की उनके फोन पर आए धमकी भरे की कॉल की रिकॉर्डिंग उनके पास मौजूद है.
धमकाने वाले शख्स ने खुद को भाई का आदमी बताते हुए वसीम रिजवी से मौलानाओं से बिना शर्त माफी मांगने को कहा है. माफी नहीं मांगने पर परिवार समेत अंजाम भुगतने की धमकी दी है. गौरतलब है कि मदरसा शिक्षा की आलोचना करने के बाद वसीम रिजवी मुस्लिमों के एक वर्ग के निशाने पर आ गए हैं.
वसीम रिजवी ने मदरसा शिक्षा के खिलाफ प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को बाकायदा चिट्ठी लिखी थी. इसके बाद जमात-ए-उलेमा-ए-हिंद ने वसीम रिजवी पर 20 करोड़ का मानहानि का मुकदमा ठोक दिया. साथ ही उनके सामने माफी मांगने की शर्त भी रखी.
मदरसों के खिलाफ आपत्तिजनक भाषा का इस्तेमाल करने के विरोध में जमात-ए-उलेमा-ए-हिंद ने वसीम रिजवी को लीगल नोटिस भेजा और 20 करोड़ की मानहानि का दावा किया है. जमात-ए-उलेमा-ए-हिंद ने वसीम रिजवी से देश से बिना शर्त माफी मांगने को भी कहा है.
जमात-ए-उलेमा-ए-हिंद का कहना है कि वसीम रिजवी ने प्रधानमंत्री को जो चिट्ठी लिखी है, उसमें बेहद आपत्तिजनक बातें लिखी गई हैं और इस चिट्ठी की वजह से मदरसों का और मुसलमानों की छवि को भारी नुकसान हुआ है.
यह लिखा था चिट्ठी में:
– इस चिट्ठी में लिखा गया है कि मदरसे सिविल सर्वेंट से ज्यादा आतंकवादी पैदा कर रहे हैं.
– हमारे मदरसे इंजीनियर और डॉक्टर बनाने में फेल है.
– हमारे मदरसे युवाओं को कट्टरपंथ की ओर धकेल रहे हैं.
जमात-ए-उलेमा-ए-हिंद का कहना है कि इस चिट्ठी की वजह से मदरसों में पढ़ने वाले लाखों बच्चों के दिमाग पर बुरा असर पड़ रहा है और लोग शक की निगाहों से देखने लगे हैं. वसीम रिजवी ने मदरसा शिक्षा की जगह सभी मदरसों को सीबीएसई या आईसीएसई स्कूलों से संबद्ध करने की मांग भी की है.