उत्तर प्रदेश सरकार शिक्षकों को मध्याह्न् भोजन (मिड-डे मील) की जिम्मेदारी से मुक्त करने की योजना बना रही है. कई जगहों से आ रही शिकायतों और शिक्षकों पर काम के दबाव को कम करने के लिए ऐसा निर्णय लिया जा रहा है. वर्तमान में प्रदेश में करीब 1 लाख 68 विद्यालय हैं, जिनमें करीब 1 करोड़ 52 लाख से अधिक बच्चों को मिड-डे मील बंट रहा है.
प्रदेश में शिक्षकों की भी कमी है. इस कारण शिक्षण कार्य प्रभावित होता है. इसे देखते हुए सरकार जल्द ही ग्लोबल टेंडर कर निजी संस्थाओं को आमंत्रित करने पर विचार कर रही है. अभी कुछ जिलों में अक्षय पात्र व निजी संस्थाएं मिड-डे मील उपलब्ध करवा रही हैं, आगे सभी स्कूलों में यह व्यवस्था लागू होगी.
बेसिक शिक्षा राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) सतीश चंद्र द्विवेदी ने बताया कि मिड-डे मील का वितरण हर स्कूल में नियमित और नियमानुसार कराना सरकार की प्राथमिकता में है.