शिरोमणि अकाली दल के कार्यकारी अध्यक्ष बलविंदर सिंह भूंडड़ ने अकाली नेता बिक्रम सिंह मजीठिया और उनके साथियों की ओर से जारी किए गए बयान को साजिश बताया है।
शिरोमणि अकाली दल के वरिष्ठ नेता बिक्रम सिंह मजीठिया ने अंतरिम कमेटी द्वारा श्री अकाल तख्त साहिब के जत्थेदार ज्ञानी रघबीर सिंह और श्री केशगढ़ साहिब के जत्थेदार ज्ञानी सुलतान सिंह को हटाए जाने के फैसले पर असहमति जताई है। मजीठिया ने कहा कि श्री अकाल तख्त साहिब का सम्मान सर्वोपरि है। मजीठिया ने कहा कि अकाल तख्त साहिब द्वारा जन्मी क्षेत्रीय पार्टी शिरोमणि अकाली दल को आज एकजुट होने की जरूरत है।
अकाली दल और सुधार लहर के नेताओं की आपसी गुटबाजी के कारण आज दल कई साजिशों का शिकार हो रहा है। मजीठिया ने कहा कि अकाली दल की मजबूती के लिए सभी नेताओं को एकजुट होकर एक मंच पर आकर इसका समाधान निकालने की जरूरत है। अंतरिम कमेटी के फैसले पर मजीठिया के साथ शरणजीत सिंह ढिल्लों, अकाली दल के कोर कमेटी के सदस्य लखबीर सिंह लोधीनंगल, अजनाला हलका इंचार्ज जोध सिंह समरा, मुकेरिया हलका इंचार्ज सरबजोत सिंह साबी, गुरदासपुर जिला प्रधान रमनदीप सिंह संधू और युवा नेता सिमरनजीत सिंह ढिल्लों ने भी असहमति जताई है।
शिरोमणि अकाली दल के कार्यकारी अध्यक्ष बलविंदर सिंह भूंडड़ ने अकाली नेता बिक्रम सिंह मजीठिया और उनके साथियों की ओर से जारी किए गए बयान को साजिश बताया है। भूंडड़ ने कहा कि मजीठिया के बयान से पार्टी के सबसे वरिष्ठ व बुजुर्ग नेताओं को गहरी ठेस पहुंची है। भूंडड़ ने कहा कि मजीठिया ने एसजीपीसी के फैसले पर सवाल उठाकर गलत किया है। इस कमेटी के पहले अध्यक्ष मजीठिया के परदादा सुंदर सिंह मजीठिया थे, जिन्होंने इसकी नींव रखी थी।
एसजीपीसी का फैसला लंबे विचार-विमर्श के बाद लिया गया है। मजीठिया को हरसिमरत कौर बादल ने बचपन से पाला और बादल परिवार का हिस्सा होने के नाते उन्हें बड़े सम्मान मिले। सुखबीर सिंह बादल ने मुश्किल समय में मजीठिया की मदद की, लेकिन अब मजीठिया ने उनके खिलाफ नई साजिश कर रहे हैं।
भूंडड़ ने यह भी कहा कि मजीठिया को पूर्व सीएम प्रकाश सिंह बादल के योगदान को मानते हुए उनके मार्गदर्शन में पार्टी की धारा के साथ खड़ा होना चाहिए था। वह विरोधियों की साजिशों का हिस्सा बनने के बजाय इनका मुकाबला मिलकर करें। पार्टी के हर नेता व कार्यकर्ता को अपने विचार रखने का पूरा अधिकार है, लेकिन मजीठिया का बयान अस्वीकार्य है।
हरियाणा के सिख अकाली दल के साथ- बलदेव कैमपुरी
हरियाणा सिख पंथ दल के प्रमुख बलदेव सिंह कैमपुरी ने कहा, हरियाणा के सिख अकाली दल के साथ हैं। भाजपा की कठपुतलियां पार्टी को कमजोर करने में जुटी हैं। कैमपुरी ने कहा कि हरियाणा की सिख संगत समझती है कि जत्थेदारों को हटाने सहित हाल के फैसले एसजीपीसी द्वारा पंथ के हित में क्यों लिए गए हैं। यह भी समझते हैं कि यह निर्णय पंथ को मजबूत करने और उन लोगों को रोकने के लिए किया गया है जो केंद्रीय एजेंसियों के हाथों की कठपुतलियां बने हुए हैं। एसजीपीसी के साथ-साथ अकाली दल को कमजोर करने और सिख समुदाय को बांटने की कोशिश कर रहे थे।
कैमपुरी ने पार्टी से इस्तीफा देने का दावा करने वाले नेताओं के बारे में कहा कि इन नेताओं को अकाली दल ने पहले ही बाहर का रास्ता दिखा दिया है, क्योंकि उन्होंने हरियाणा गुरुद्वारा चुनावों के दौरान पार्टी के साथ विश्वासघात किया था। नेताओं ने आरएसएस द्वारा प्रायोजित उम्मीदवारों को समर्थन देकर पहले ही साबित कर दिया था कि वे पार्टी के प्रति वफादार नहीं हैं। वे किसी भी तरह से अकाली नही हैं।