हागरात के बारे हर युवावर्ग सोचता है और इसका ख्याल आते ही युवाओं के मन में कुछ अजीबोगरीब ख्याल आने लगते है। कई बार इसे सोचकर डर भी लगता है। वहीं शादी अगर आपकी मर्ज़ी से न होकर पारंपरिक शैली में, यानी अरेंज्ड् तरीके से होती है तो चिंताएं अपने-आप बेहद बड़ी सी लगने लगती हैं।अभी-अभी: पाकिस्तान में लगे आजादी के नारे, और किया ये बड़ा ऐलान…
लोग आपको कभी आपको खुद के अनुभवों के आधार पर डराएंगे, तो कभी अपने आधे-अधूरे नीम हक़ीम ज्ञान के सहारे आपके सुहागरात की नैया पार कराने के नुस्ख़े थमाएंगे लेकिन वह आपको मुश्किल में भी डाल सकते हैं। सुहागरात के दिन ही ऑर्गेज्म की इच्छा करना एक-दूसरे पर बेमतलब दबाव बनाना है। एक-दूसरे के लिए प्यार महसूस करने और एक-सरे के लिए समझ बनने के बाद आप अपने पार्टनर के जितना करीब आते जाते हैं, उतना ही आपके ऑर्गेज्म का एहसास बेहतर होता जाता है। आप एक-दूसरे को कम-से-कम एक दिन का वक़्त दें और सुहागरात का मौका एक-दूसरे को जानने में बिताएं।
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अगर आप दोनों इसी मौके पर पूर्ण संतुष्टि हासिल कर लेते हैं तो यकीनन बहुत अच्छा होगा, लेकिन अगर ऐसा नहीं हो सके तो झेंपने की कोई जरूरत नहीं है। आपके आगे पूरी ज़िंदगी पड़ी है। सेक्स के नुस्खे हमें विरासत में नहीं मिलते। यह एक ऐसी समझ है जो खुद बनती है। आप समय के साथ बेहतर होते जाते हैं। जरूरी नहीं कि आप सैक्स से जुड़ी बातें करें। एक-दूसरे को समझने और खुलने की कोशिश कीजिए। जरूरी है कि आप दोनों के बीच के अजनबीपन की झिझक दूर हो जाए और पति-पत्नी के बेहद निजी-सुलझे हुए साथ का सफर शुरू हो।
अगर आप सेक्स की बातें सुहागरात पर नहीं करते तो इसका यह मतलब कतई नहीं है कि आपकी आने वाली शारीरिक नजदीकी और सैक्स में किसी किस्म की कमी रह जाएगी। आमतौर पर लोगों का मानना है कि पहल पुरुष को ही करनी चाहिए। इस प्रचलित सोच का असर यह होता है कि पुरुष पर बेमतलब का दबाव बन जाता है। याद रखिए, आगे की पूरी जिंदगी आप दोनों को साथ बितानी है। किसी भी तरह की हिचक या बनावटीपन के लिए आपके रिश्ते में कोई जगह नहीं होनी चाहिए।
एक साथ प्यार से जीवन बिताने के लिए एक-दूसरे के साथ ईमानदारी जरूरी है। ईमानदारी बिस्तर भी उतनी ही अहम है, जितनी अहम जिंदगी के किसी भी और मौके पर है। आर्गेज्म हासिल कर लेने का झूठा दिखावा न केवल आपके पार्टनर, बल्कि आपके खुद की संतुष्टि पर भी असर दिखाएगा। झूठ से बेहतर होगा कि आप अपने पार्टनर से अपनी जिज्ञासओं, इच्छाओं और मूड के विषय में ईमानदारी से बात करें।