शातिर निकला मोदी का खास ‘इंजीनियर’, ऐसे चलाए 2000 के जाली नोट

mohali-fake-note-gang-mastermind-abhinav-verma_1480917114पीएम मोदी के डिजिटल प्रोजेक्ट में शामिल ‘इंजीनियर’ ने 2 करोड़ कीमत के 2000 के जाली नोट बाजार में चलाने के लिए गजब तकनीक अपनाई।मोहाली में 42 लाख की जाली करेंसी के साथ पकड़े गए मास्टरमाइंड अभिनव के बारे में रोजाना नए खुलासे हो रहे हैं। उन्होंने जिन लोगों को 500 और 1000 पुराने नोट बदलकर ठगा था। उनसे लिए गए पैसों को पांच खातों में जमा करवाया था। ताकि उनकी इनकम पर कोई असर न पड़े। पुलिस को पता चला है कि उक्त आरोपियों ने प्राइवेट सेक्टर के पांच नामी बैंकों में पैसे जमा करवाए थे। पांच खातों में तीन अभिनव की कंपनी के नाम पर चल रहे हैं। जबकि दो खाते उसके पर्सनल हैं।वहीं, अब पुलिस इस एंगल पर भी काम रही है कि नोटबंदी के बाद इन खातों में अभिनव व उसके साथियों ने कितने पैसे जमा करवाए थे। वहीं, खातों की क्रेडिट लिमिट कितनी थी। इसके लिए सोमवार को पुलिस की एक टीम उक्त बैंकों से संपर्क करेगी। ताकि पूरी सच्चाई सामने आ सके। हालांकि, पुलिस यह मानकर चल रही है कि उक्त लोग पूरी प्लानिंग से जाली करेंसी के कारोबार में उतरे थे।जिक्रयोग है कि पुलिस ने 29 नवंबर को तीन आरोपियों अभिनव वर्मा, उसकी कजिन विशाखा व सूरज नागपाल को जगतपुरा से पकड़ा था। वह हरियाणा नंबर वाली लाल बत्ती लगी ऑडी कार में जाली करेंसी लेकर जा रहे थे। पुलिस ने आरोपियों को काबू करते समय बताया था कि उनके पास से 42 लाख की जाली करेंसी मिली है। सारे नोट दो-दो हजार के थे। वहीं, नोटबंदी के बाद पुलिस की यह सबसे बड़ी जाली करेंसी की रिकवरी थी।मैसूर जाएगी फॉरेंसिक एक्सपर्ट की टीम: पुलिस का कहना है कि आरोपियों ने जो नोट बनाए थे। वह नोट ओरिजनल नोट बनाने के लिए प्रयोग होने वाले कागज से बने थे। ऐसे में अब पुलिस की टीम मैसूर की उक्त पेपर मिल में अपनीफॉरेंसिक टीम भेजेगी। जो वहां से पेपर लाकर उसकी लैब में जांच करवाएगी। साथ ही आरोपियों की करतूत से पर्दा उठाएगी सोशल साइट्स व मेल आईडी खंगाल रही पुलिस: दूसरी तरफ, पुलिस ने साइबर एक्सपर्ट की मौजूदगी में रविवार को उनकी विभिन्न सोशल साइट्स खोली है। जिनमें ट्विटर, फेसबुक, इंस्टाग्राम समेत कई अन्य साइट्स शामिल हैं। इसके अलावा पुलिस आरोपियों की ईमेल को भी चेक कर रही है। पुलिस उनके संपर्क में चल रहे लोगों पर नजर रख रही है। साथ ही, पुलिस यह भी पता करने में जुटी हुई है कि आखिर आरोपियों के संपर्क में कौन से लोग हैं।प्रमोद व हर्ष पर टिकी कहानी: पुलिस की कहानी अब प्रमोद व हर्ष पर आकर टिक गई है। दोनों आरोपी अब तक पुलिस की पकड़ से बाहर हैं। सोहाना थाने के एसएचओ हरसिमरन बल ने कहा कि उक्त आरोपियों के पकड़ में आने के बाद इसकहानी से पर्दा उठ जाएगा। पुलिस की टीमों ने एक बार कई स्थानों पर दबिश दी है। ऑडी कार अब तक बनी है पहेली: पुलिस के लिए आरोपियों से मौके पर पकड़ी गई ऑडी कार अब तक पहेली बनी हुई है। क्योंकि उस पर हरियाणा का वीआईपी नंबर लगा हुआ है। जो हरियाणा के अफसरों और मंत्रियों को जारी होता है। दो छुट्टियां आ जाने के कारण नंबर की जांच अधर में है।

 

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