कुछ दिनों पहले मेरे एक मित्र ने मुझे फोन किया था। बातचीत के क्रम में उन्होंने मुझे बताया कि उन्होंने मॉनसून के बाद अपने घर की मरम्मत के लिए अनसिक्योर्ड पर्सनल लोन लिया है। हालांकि, वे ऊंची ब्याज दर को लेकर थोड़े परेशान दिख रहे थे। इसी दरम्यान मैंने उनसे कहा कि वे इस लोन पर देय ब्याज पर इनकम टैक्स कानून के तहत टैक्स में छूट पा सकते हैं। इस पर उन्होंने कहा कि मेरा तो दिन ही बन गया और वह काफी खुश हो गए। इस बात से मुझे भी काफी खुशी हुई और तभी मेरे दिमाग में पाठकों को भी इस बात से अवगत कराने का विचार आया कि उन्हें किस तरह के लोन पर इनकम टैक्स में छूट मिल सकती है और किस पर नहीं। आइए जानते हैं कि आपको किस तरह के लोन पर इनकम टैक्स कानून के तहत छूट मिल सकती है।
होम लोन पर छूट
अगर आप मकान खरीदने, निर्माण या यहां तक की मरम्मत के लिए भी कर्ज लेते हैं तो आपको इनकम टैक्स कानून के तहत छूट मिलती है। अगर आप इसके लिए दोस्तों या रिश्तेदारों को भी ब्याज देते हैं तो भी आपको इस छूट का लाभ मिलता है। यही नहीं, इस मद में जमा किए गए प्रोसेसिंग फी या प्री-पेमेंट शुल्क को भी इनकम टैक्स के लिहाज से ब्याज के तौर पर ट्रीट किया जाता है। रेंट पर दी गई प्रोपर्टी और अपनी आवासीय परिसंपत्ति पर टैक्स छूट में अंतर होता है। आप जिस घर में रह रहे हैं, उस पर आप दो लाख रुपये तक का टैक्स छूट हासिल कर सकते हैं। वहीं, किराये पर दिए गए प्रोपर्टी के लिए आप पूरे ब्याज पर टैक्स में छूट क्लेम कर सकते हैं।
वहीं, अगर आपके पास दो से ज्यादा घर हैं, तो इनकम टैक्स के नियमों के मुताबिक आप अधिकतम दो मकान को ही सेल्फ-ऑक्यूपाइड बता सकते हैं। इसका चुनाव आपको करना होता है। अन्य मकान को किराये पर दी गई संपत्ति के तौर पर देखा जाता है और ऐसी प्रोपर्टी के लिए बाजार रेट के हिसाब से किराये के जरिए आय दिखानी पड़ती है। आप किराये पर दी गई प्रोपर्टी के लिए पूरे ब्याज पर इनकम टैक्स में छूट क्लेम कर सकते हैं। हालांकि, किराये पर दी गई संपत्ति से होने वाली आय को अन्य इनकम के साथ समायोजित किया जा सकता है। हालांकि, इसके तहत दो लाख रुपये तक की हानि को ही एडजस्ट किया जा सकता है। अगर हानि दो लाख से ज्यादा है तो उससे ऊपर का लॉस अगले आठ साल तक कैरी-फॉरवर्ड किया जा सकता है।
निर्माणाधीन संपत्ति पर पजेशन के साल से टैक्स छूट का लाभ मिलता है। निर्माण के दौरान जमा किए गए ब्याज पर टैक्स में छूट पजेशन के साल से पांच बराबर किस्त में लिया जा सकता है। वहीं, 45 लाख रुपये तक की आवासीय संपत्ति के लिए एक अप्रैल, 2019 से 31 मार्च, 2021 के बीच स्वीकृत होम लोन पर आप आयकर अधिनियम की धारा 80EEA के तहत 1.50 लाख रुपये तक की टैक्स छूट का लाभ हर साल क्लेम कर सकते हैं। लोन को मंजूरी मिलने के समय आपके नाम पर अगर कोई अन्य आवासीय संपत्ति नहीं होगी तो ही आपको इस सुविधा का लाभ मिलेगा। यह लाभ आपको निर्माण नहीं होने पर भी मिल सकेगा।
वहीं, आवासीय संपत्ति के लिए निर्दिष्ट संस्थाओं से लिए गए होम लोन के मूलधन के भुगतान पर आयकर अधिनियम की धारा 80 (C) के तहत LIC के प्रीमियम, NSC, EPF, ELSS और स्टांप ड्यूटी और रजिस्ट्रेशन शुल्क की तरह 1.50 लाख रुपये तक के टैक्स छूट का लाभ मिलता है।
एजुकेशन लोन पर कर छूट का लाभ
एक साल के दौरान एजुकेशन लोन के ब्याज के भुगतान पर टैक्स छूट का लाभ मिलता है और इसकी कोई सीमा तय नहीं है। हालांकि, मूलधन के भुगतान पर टैक्स में छूट का लाभ नहीं मिलता है। ब्याज के भुगतान के पहले साल से लेकर लगातार आठ साल तक टैक्स छूट का लाभ हासिल किया जा सकता है। अगर आपने स्वयं, अपने स्पाउस या बच्चे की सीनियर सेकेंडरी के बाद की शिक्षा के लोन लिया हुआ है तो आपको टैक्स में छूट का लाभ मिलेगा। यहां ध्यान देने वाली बात यह है कि सरकारी मान्यता वाले कोर्स के लिए ही आपको यह लाभ हासिल होगा। हालांकि, इससे कोई फर्क नहीं पड़ता कि कोर्स पार्ट टाइम है या फुल टाइम है। अगर आपने किसी वित्तीय संस्थान या स्वीकृत चैरिटेबल संस्था से लोन लिया है तो ही आपको टैक्स में छूट का लाभ मिलेगा। रिश्तेदारों या दोस्तों से लिए गए लोन पर चुकाए जाने वाले ब्याज पर आपको यह छूट नहीं मिलेगी। ज्वाइंट बॉरोअर होने पर पैरेंट्स को भी इसका लाभ मिल सकता है।
कार लोन
वेतनभोगी व्यक्ति को कार लोन के ब्याज पर किसी तरह के टैक्स छूट का लाभ नहीं मिलता है। हालांकि, वाहन का इस्तेमाल अगर आपके बिजनेस या पेशे के लिए हो रहा है तो आप ब्याज के साथ व्यवसाय के लिए इस्तेमाल में लाए जाने वाले मोटर कार के मूल्य में ह्रास को भी क्लेम कर सकते हैं।
पर्सनल लोन या क्रेडिट कार्ड पर लोन इत्यादि
टैक्स नियमों के मुताबिक आपको पर्सनल लोन या क्रेडिट कार्ड पर लोन पर टैक्स में किसी तरह की छूट नहीं मिलती है। हालांकि, अगर पर्सनल लोन का इस्तेमाल मकान के मार्जिन मनी के भुगतान या फिर बिजनेस से जुड़ी संपत्ति खरीदने के लिए किया जाता है और अगर आप इसे साबित कर पाते हैं तो इस पर किए जाने वाले भुगतान पर टैक्स छूट का लाभ आप हासिल कर सकते हैं। हालांकि, मेरी राय में इस तरह के पर्सनल लोन के भुगतान पर आयकर अधिनियम की धारा 80C के तहत लाभ नहीं लिया जा सकता है।