बंगाल और असम विधानसभा चुनाव के पहले चरण के चुनाव प्रचार का शोर आज गुरुवार शाम 5 बजे 77 विधानसभा क्षेत्रों में थम गया, और इन क्षेत्रों में शनिवार को वोटिंग होगी.
पश्चिम बंगाल के पहले चरण में जहां सत्तारुढ़ तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) की साख दांव पर लगी है तो बीजेपी के सामने असम में अपनी सत्ता बचाए रखने की चुनौती है. चुनाव प्रचार के अंतिम दिन सभी राजनीतिक दलों ने चुनाव प्रचार के आखिरी दिन अपनी पूरी ताकत झोंक दी और कई बड़े नेताओं ने जमकर प्रचार किया.
बंगाल के पहले चरण में पांच जिलों बांकुड़ा, पुरुलिया, झारग्राम, पश्चिमी मिदनापुर और पूर्वी मिदनापुर जिले की सीटों पर शनिवार को वोटिंग होगी. जंगल महल क्षेत्र के नाम से चर्चित इन इलाकों में आदिवासी समुदाय की पकड़ है.
2019 के लोकसभा चुनाव में बीजेपी ने टीएमसी के गढ़ में सेंधमारी की थी. ऐसे में इन 30 सीटों के चुनाव काफी दिलचस्प हो गए हैं.
असम विधानसभा चुनाव में पहले चरण के लिए आज चुनाव प्रचार खत्म हो गया. यहां पर कुल 267 प्रत्याशी किस्मत आजमा रहे हैं. 47 सीटों में से 42 सीटें ऊपरी असम के 11 जिलों की हैं जबकि 5 सीटें सेंट्रल असम इलाके की शामिल हैं.
इनमें सीटों पर हिंदू असमिया मतदाताओं के साथ-साथ चाय बगानों में काम करने वाले अनुसूचित जनजाति के मतदाताओं की भी निर्णायक भूमिका है. असमिया मतदाता सीएए के लागू करने के खिलाफ हैं जबकि चाय बागानों में काम करने वाले अदिवासी समुदायों के लिए दिहाड़ी मजदूरी एक अहम मुद्दा है.
पहले चरण के तहत असम में जिन 47 सीटों पर मतदान होना है, वहां पर 2016 के विधानसभा चुनाव में बीजेपी गठबंधन ने कांग्रेस का सफाया कर दिया था. 5 साल पहले हुए विधानसभा चुनाव में बीजेपी ने 47 में से 27 और उसकी सहयोगी असम गण परिषद ने 8 सीटों पर कब्जा जमाया था. जबकि कांग्रेस के खाते में 9 सीटें गई थीं.