जम्मू: जम्मू-कश्मीर में आर्मी जिस शख्स को अपनी जीप के आगे बांधकर परेड करती नजर आ रही थी उस शख्स की पहचान हो गई है। इस शख्स का नाम फारुख अहमद डार है।
रिश्तेदार के घर जा रहा था फारुख
मीडिया से बातचीत के दौरान फारुख ने बताया कि वह कभी भी पत्थर फेंकने वालों में शामिल नहीं रहा है. उसने कहा कि मैंने कभी भी पत्थर नहीं फेंके, शॉल पर कढ़ाई करना मेरा पेशा है, साथ ही थोड़ी बहुत कारपेंट्री करता हूं। फारुख अपनी 75 साल की मां के साथ अकेला रहता है। फारुख ने बताया कि वीडियो जो वायरल हो गया है वह 9 अप्रैल का है।
उस दिन आर्मी ने उसको सुबह 11 बजे पकड़ा और तकरीबन चार घंटे तक 25 किलोमीटर की दूरी तक उसे घुमाया। फारुख के अनुसार उस दिन वह अपने कुछ साथियों के साथ एक रिश्तेदार के घर जा रहा था जिसकी श्रीनगर में मौत हो गई थी। तब रास्ते में आर्मीवालों ने उसकी मोटरसाइकिल रोक ली और उसको जीप से आगे की ओर बांध दिया। फारुख ने बताया कि उसकी छाती पर एक सफेद कागज लगाकर उसपर फारुख का नाम लिखा गया था। साथ ही जीप में बैठे आर्मीवाले चिल्ला रहे थे कि अब अपने किसी पर पत्थर फेंक कर दिखाओ।
काफी डरा हुआ है फारुख
इस घटना के बाद से फारुख काफी डरा और परेशान है। फारुख ने इस मामले में शिकायत करने से भी मना कर दिया है। फारुख का कहना है कि वे गरीब लोग हैं, क्या शिकायत करेंगे। वहीं फारुख की मां ने कहा कि आर्मी ने पहले उसके बेटे को मारा फिर आसपास के 9 गांवों में घुमाया गया। फारुख की मां का कहना है कि हमें किसी जांच की जरूरत नहीं है, हम गरीब लोग हैं, मैं इसको खोना नहीं चाहती, मेरे बुढापे का यह अकेला सहारा है।
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