आज हम आपको दुनिया के सबसे मशहूर जहाज टाइटैनिक के डूबने के पीछे का वो राज बताने जा रहे हैं जिसके बारे में आज तक कोई नहीं जान पाया है. बता दें कि इस जहाज के डूबने का खुलासा एक आइरिष्ट पत्रकार और लेखक ने किया है. जो बीते पिछले 30 सालों से उसपर रिसर्च कर रहे थे. 1912 में हुए इस हादसे में करीब 1500 लोग मारे गए थे और इस हादसे को इतिहास का सबसे बड़ा समुद्र हादसा माना जाता है. इस हादसे को बेहद दर्दनाक बताया जाता है.देशभक्ति की मिसाल पाकिस्तानियों ने गाया ‘जन-गण-मन’, बोले-हमारे दिल में…
आपकी जानकारी के लिए बता टाइटैनिक का पूरा नाम रॉयल मेल सर्विस था जो कि उस समय का सबसे बड़े समुद्री जहाज था. इस जहाज को 3000 लोगों की टीम ने मिलकर बनाया था, जिसको बनाने में 26 महीनों का वक्त लगा था. इस जहाज के बारे में कहा जाता था कि ये जहाज 3 फुटबॉल के मैदान जितना बड़ा था. बता दें कि इस जहाज को मात्र देखने भर के लिए 1 लाख से ज्यादा लोग आये थे.
टाइटैनिक के बारे में कहा जाता था कि ये कभी ना डूबने वाला जहाज है, लेकिन ये जहाज अपनी पहली यात्रा के दौरान ही समुद्र की गहराई में डूब गया था. ये जहाज 10 अप्रैल 1912 में साउथ हैम्पटन से न्यू यॉर्क शहर के लिए रवाना हुआ था. जो चार दिन कि यात्रा के बाद यानी कि 14 अप्रैल की रात अटलांटिक सागर में तैरती बर्फ के टीले से टकरा गया था.
जिसके कारण ये जहाज कुछ ही घंटो में समुद्र की गहराई में समा गया था. इस जहाज पर करीब 2000 लोग मौजूद थे. जिसमें से करीब 1500 लोगो की मौत हुई थी. इस जहाज के डूबने के बाद तमाम तरह कि अटकलें सामने आई थीं, कि ये जहाज किस वजह से डूबा. उसमे से एक बात ये भी सामने आई थी कि इस जहाज के कैप्टेन अपनी पहली ही यात्रा में रिकॉर्ड टाइम में न्यू यॉर्क पहुंचना चाहते थे. और बहुत ज्यादा स्पीड होने के कारण इस जहाज के साथ ये हादसा हुआ.
ऐसी ही कुछ और अटकलें सामने आई थी. माना जाता है कि ये जहाज नार्थ पोल से अलग हुई बर्फ से टकराया था. कहा जाता है कि इस अलग हुई बर्फ कि ऊँचाई ज्यादा नहीं होती जिसके कारण क्रू मेंबर्स को उसकी उंचाई दिखाईं नहीं दी और इसी वजह से ये हादसा हुआ.
इस हादसे को लेकर ये भी दावा किया जाता है कि जहाज पर मौजूद एक कोयले के स्टोर में आग लग गई थी और आग को फैलने से रोकने के लिए उस कोयले को आग कि भट्टी में डाला गया जिसके कारण जहाज कि गति और तेज हो गई थी जिसपर कंट्रोल करना मुश्किल हुई और ये हादसा हुआ.
लेकिन आज हम जिस खुलासे के बारे में बात करने जा रहे हैं उसके बारे में जानकार आपको बहुत हैरानी होगी. बता दें कि एक आइरिस्ट पत्रकार और लेखक सैनन मौलानी ने अपनी एक डॉक्यूमेंट्री में टाइटैनिक जहाज के डूबने कि असली वजह को बताया है. उनके मुताबिक़ टाइटैनिक डूबने कि असली वजह सिर्फ उसके बर्फ से टकराना नहीं था. बल्कि समुद्री जहाज के बोयलर कमरे में आग लगना था.
उन्होंने बताया कि उस जहाज के हिस्से में आग के सुलगते रहने के कारण जहाज कि पैंदी कमजोर हो गई थी. उनकी ये बात और भी पक्की हो जाती है क्योंकि इस जहाज के जाने से पहले की कुछ तस्वीरों में जहाज के उस हिस्से में काले धब्बे नजर आये हैं. इसी जगह से बर्फ कि चट्टान टकराई थी. इस पूरी रिसर्च में इन्हें पूरे 30 साल लग गए थे.