विश्व मंगल परिवार सेवा संस्थान द्वारा आयोजित श्री राम कथा के द्वितीय दिवस में वृन्दावन से पधारी हुई देवी महेश्वरी ( श्रीजी) ने गुरु कथा का विस्तृत वर्णन किया तत्पश्चात श्री जी ने बताया शिव जी श्री राम कथा सुनने के लिए सती जी के साथ कुंभज ऋषि के पास राम कथा सुनने जाते है कथा सुनने के बाद दक्षिणा देते हैं तभी से कथा वाचक को दक्षिणा देने की परम्परा प्रारम्भ हुई ।
कथा सुनकर दक्षसुता के साथ शिव जी चलते हैं और मार्ग में श्री राम को देखकर प्रणाम किया और सती से प्रणाम करने को कहा लेकिन सती जी श्री राम की परीक्षा लेती हैं तब शिव जी के द्वारा सती का मान मर्दन किया और शिव जी समाधि में चले जाते हैं एक दिन आकाश मार्ग से विमानों को जाते देख सती जी ने प्रश्न किया तब भोलेनाथ ने सारा वृतांत सती जी के सम्मुख रखा ।शिव जी के मना करने पर भी सती जी अपने पिता के घर यज्ञ में जाती हैं और शिव जी का भाग न देखकर और आलोचना सुनकर क़ुर्द्ध हो जाती है और महाकाली का रूप धरकर तांडव करती हुई आत्म दाह कर लेती हैं जिसे सुनकर समस्त श्रोता भक्त गण मंत्र मुग्ध हो गए। कथा के द्वितीय दिवस में समिति के अध्यक्ष उत्तम मिश्र , उमेश गुप्ता , राम कुमार लोधी ,सुरेश प्रसाद शाह , डॉ राम प्रकाश गुप्ता , अरविंद शुक्ला, राजीव शुक्ला , अवनीश शुक्ला, अनुभव गुप्ता इत्यादि हमारे सहयोगी परिवार सखी मंड़ल व भारी संख्या में भक्त गण मौजूद रहे.